बिहार सरकार की तुष्टीकरण वाली नीति ने जिहादियों का दुस्साहस इस कदर बढ़ा दिया है कि अब वे लोग मदरसे के सामने से गाजे—बाजे के साथ निकल रहे हिंदू बारातियों को यह कहते हुए रोक देते हैं कि बाजा मत बजाओ। कुछ लोग रास्ता रोकते हैं और कुछ छत से पथराव करते हैं।
यदि आप बिहार में विवाह कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। यह नीतीश कुमार का बिहार है। यहां के हालात ऐसे बन गए हैं कि अब यहां कोई हिंदू मदरसे-मस्जिद के सामने से अपनी बारात नहीं निकाल सकता।
पश्चिम चंपारण जिलेे के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के महुआवा गांव में बारातियों पर केवल इसलिए हमला किया गया कि वे लोग गाजे—बाजे के साथ एक मदरसे के सामने से निकल रहे थे। घटना
28 नवंबर की देर शाम की है। पत्थरबाजी से लगभग 10 बाराती बुरी तरह घायल हुए हैं।
एक समाचार के अनुसार महुआवा गांव में 28 नवंबर को दिनेश महतो की बेटी की शादी थी। बारात इसी जिले के मझौलिया सनुवरिया गांव से आयी थी। शाम को जनवासे से बारात विवाह स्थल के लिए निकली। बैंड-बाजे के साथ बाराती नाच रहे थे। जब बारात महुआवा गांव के मदरसे के पास पहुंची तो मुस्लिमों ने रास्ता रोक दिया। उनका कहना था कि बारात बैंड-बाजे के साथ मदरसे के सामने से नहीं गुजर सकती। जब दिनेश महतो को इस बात की सूचना मिली तो वे दौड़ै-भागे मदरसा पहुंचे। उन्होंने बारात रोकने वालों के हाथ-पैर पकड़े। किसी तरह दुल्हा समेत बारात वहां से आगे बढ़ी, लेकिन तब तक कुछ लोग सड़क से हटकर आसपास के घरों की छत पर पहुंच गए और वहां से बारातियों पर पत्थर चलाने लगे।
पूरी योजना के साथ बारात रोकी गई
स्थानीय हिंदुओं का कहना है कि बारात पूरी योजना के साथ रोकी गई। इसका उद्देश्य अपनी दादागिरि का परिचय देना था। मदरसे के आगे बढ़ते ही बारातियों पर अशरफ अंसारी के घर से पत्थर चलने लगे। यह कार्य इतनी त्वरित गति से हुआ कि बारातियों में भगदड़ मच गई। बाराती भी भौचक थे कि इतनी जल्दी अशरफ अंसारी के घर पर पत्थर कैसे पहुंच गए? इस पत्थरबाजी में 55 वर्षीय शिवनाथ महतो, 25 वर्षीय लक्ष्मण महतो, 21 वर्षीय श्याम कुमार, 18 वर्षीय गजेंद्र कुमार, 17 वर्षीय पवन कुमार समेत कई बाराती बुरी तरह घायल हो गए।
पत्थर के साथ मजहबी नारे भी लगे
बारातियों के अनुसार पत्थर बरसाने वाले मजहबी नारे भी लगा रहे थे। बारातियों को लगा कि अब उनका बचना संभव नहीं है। मौके की गंभीरता को देखते हुए लोगों ने जिले के पुलिस अधीक्षक को सूचना दी। जगदीशपुर पुलिस और दंगा नियंत्रण दल के जवानों ने घटना स्थल पर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया। थानाध्यक्ष राजू कुमार मिश्र ने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें अशरफ अंसारी, साहेब आलम, इमरान अंसारी, जावेद मियां, इशराक अंसारी, गुड्डू अंसारी और वाजिद अली शामिल हैं। घायलों का इलाज बेतिया के मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
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