मध्य प्रदेश के दमोह स्थित चाइल्ड सेंटरों से बीते दिनों करीब 45 बच्चों के गायब होने और एक हिंदू युवक का कन्वजर्न कराकर उसे ईसाई बनाए जाने के मामले में आरोपित अजय लाल की अग्रिम जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है। कोर्ट ने जमानत के फैसले को सुरक्षित रख लिया है। इस बीच अजय लाल के समर्थन में किए गए विरोध प्रदर्शनों को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि अजय लाल बहुत ही शातिर है। वह मामले को सांप्रदायिक रंग देकर अपने कर्मचारियों के जरिए प्रशासन की अनुमति के बिना प्रदर्शन करवा कर सामाजिक वैमनस्य फैलाना चाहता है।
प्रियंक कानूनगो का आरोप है कि अजय लाल ऐसे कृत्य करवा कर प्रशासन पर दबाव बनाकर गिरफ्तारी से बचना चाहता है। NCPCR अध्यक्ष ने ट्विटर पर दमोह के कलेक्टर और एसपी को टैग कर कहा है कि बाल अधिकारों का हनन करने वाले अपराधियों के समर्थन में बिना इजाजत के जुलूस निकालने वालों के खिलाफ एक्शन लेना होगा। इसके साथ ही उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के डीजीपी को भी टैग किया है।
क्या है पूरा मामला
हाल ही में मध्य प्रदेश के दमोह जिले में स्थित चाइल्ड केयर सेंटरों में हिंदू बच्चों का कन्वर्जन कराकर उन्हें ईसाई बनाए जाने की शिकायत के बाद NCPCR की टीम ने इन सेंटरों की जाँच की थी। एनपीसीआर ने ईसाई मिशनरियों द्वारा चलाए जा रहे बाल भवन, यीशु भवन, भिड़ावारी चाइल्ड सेंटर के साथ ही बेथलहम बाइबल ट्रस्ट का दौरा किया। इस दौरान आयोग को भिड़ावारी चाइल्ड केयर सेंटर से 45 बच्चों के गायब होने की खबर मिली। वहीं बेथलहम बाइबिल ट्रस्ट में निरीक्षण के दौरान 17 साल के हिंदू नाबालिग युवक का मतांतरण कराने के बाद उसे पादरी की ट्रेनिंग दिए जाने का भी खुलासा हुआ था। मामले में मुख्य आरोपित के तौर पर डॉ अजय लाल का नाम सामने आया था।
इसके बाद मामले को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पुलिस में केस दर्ज कराया था। इसके साथ ही उन्होंने अजय लाल के विदेश भागने की आशंका जताते हुए उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की माँग की थी।
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