कांग्रेस कब तक वीर सावरकर पर उछालेगी कीचड़ ?
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

कांग्रेस कब तक वीर सावरकर पर उछालेगी कीचड़ ?

वीर सावरकर ने कहा था, “कष्ट ही तो वह चाक शक्ति है जो मनुष्य को कसौटी पर परखती है और उसे आगे बढ़ाती है!”

by फिरोज बख्त अहमद
Nov 29, 2022, 06:57 pm IST
in भारत
वीर सावरकर

वीर सावरकर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

वीर सावरकर ने कहा था, “कष्ट ही तो वह चाक शक्ति है जो मनुष्य को कसौटी पर परखती है और उसे आगे बढ़ाती है!” सावरकर के बलिदानों की असलियत और सच्चाई जाने बिना, बिना उनकी कोशिशों की गहराई को समझे और बिना उन पर अध्ययन किए, कोई भी कांग्रेसी, वामपंथी व विपक्षी उन के ऊपर झूठे आरोप लगाते चले आए हैं। अर्से से उनको अपमानित किया जाता रहा है, अर्थात ऐसे व्यक्ति को जिसका पूर्ण जीवन भारत की आज़ादी के लिए दी गई कुर्बानियों की सच्ची मिसाल है।

ऐसा व्यक्ति जिसको जहरीला भोजन और पानी देकर उसे कांटे की तरह सूखा दिया गया हो, जब उस पर झूठा लांछन लगाया जाता है तो किसी भी सच्चे भारतीय का मन विचलित, मस्तिष्क दुखी और आत्मा तड़प जाती है। लेखक का किसी भी राजनीतिक पार्टी अथवा संगठन से कोई संबंध नहीं है, मगर सावरकर के प्रति उसके मन में आज भी उतनी ही आस्था है, जैसी कि किसी भी स्वतन्त्रता सेनानी के प्रति। उसने “सावरकर प्रतिष्ठान”, मुंबई के स्टेज से ब-बांग-ए-दहल (पुरजोर शब्दों में) एलान किया था कि सरकार वीर सावरकर द्वारा दिए गए बलिदानों के लिए उनको भारत रत्न प्रदान करे। सावरकर का कथन है, “कर्तव्य की निष्ठा संकटों को झेलने में, दुख उठाने में और जीवन भर संघर्ष करने में ही समाविष्ट है; यश-अपयश तो योगायोग की बातें हैं!”

यह तमाम हिंदुस्तानियों के लिए खेद का ही नहीं बल्कि चिंता का विषय है और जैसे अग्रेज़ी में कहते हैं कि “इट इज़ हाई टाइम”, अब इसे रोकना होगा और इसके लिए जनता को ही नहीं बल्कि सरकार को भी आगे आना होगा। जहां, अभी हाल ही में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने उनका, एक चिट्ठी को लेकर अनादर किया, वहीं कुछ समय पूर्व अरविंद केजरीवाल ने एक रैली में भाजपाइयों को सावरकर की औलादें कह कर अपनी मंशा प्रकट की थी। आखिर यह कब तक चलेगा? अब तो इस पर रोक लगनी चाहिए।

हैरानी की बात है कि वीर सावरकर की जन्मस्थली व कर्मस्थली महाराष्ट्र में राहुल ने उन्हें अंग्रेजों का नौकर बताकर लांछन लगाया है, हालांकि उनकी दादी इन्दिरा गांधी ने एक खत में सावरकर की तारीफ की थी और पंडित जवाहर लाल नेहरू, उनके परदादा ने भी एक गणतन्त्र दिवस पर दिल खोलकर आरएसएस की प्रशंसा की थी। 1998 में भारत के दसवें प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने हैदराबाद में मुस्लिमों के लिए भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के नाम से गचिबावली में 200 एकड़ के अंदर एक उर्दू विश्वविद्यालय का तोहफा दिया था। आरएसएस एक राष्ट्र समर्पित, राष्ट्रवादी व सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास करने वाली हितैषी संस्था है।

जहां तक राहुल गांधी और केजरीवाल साहब और तमाम दूसरे विपक्षियों का प्रश्न है, वे इस बात को गांठ में बांध लें कि ब्रिटिश राज में चिट्ठियों के अंत में सावरकर ही नहीं, गांधीजी, नेहरुजी, मौलाना आज़ाद, सरदार पटेल, सी राजगोपालाचारी आदि सभी इस प्रकार से लिखते थे, “आई बैग टू रिमेन, सर, योर हंबल सरवेंट”, अर्थात, मैं आपकी सेवा में सदैव समर्पित, आपका सेवक” (I beg to remain, sir, your humble servant) या, “आई हेव दी ऑनर टू बी योर सरवेंट”, अर्थात, “यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे आपकी सेवा करने का अवसर मिला (I have the honour to be your servant) आदि। उस समय फिरंगियों सभी ब्रिटिश कालोनियों में इसी प्रकार पद्धति चला और बना रखी थी कि लोग अपने अंग्रेज़ आकाओं को इस प्रकार से लिखें, जिसका मतलब वास्तव में नौकर होना नहीं बल्कि अपने अफसरों को अत्यंत सम्मान देना था।

जो कांग्रेसी, वामपंथी व विपक्षी सावरकर पर इल्ज़ाम लगाते हैं कि उन्होंने अंग्रेजों को माफीनामे लिखे, सरासर झूठ है, क्योंकि जब 1913 में कुछ स्वतन्त्रता सेनानियों को रिहा किया गया, तो सावरकर को यह कहकर, नहीं छोड़ा गया कि यह बहुत खरतनाक व्यक्ति है और इसको न छोड़ा जाए, क्योंकि यह किसी भी प्रकार से भारत को आज़ाद कराना चाहता है।

हां, इसी सोच के अंतर्गत सावरकर को “डी” कैटेगिरी अर्थात श्रेणी की जेल में रखा जाता था। गांधीजी और पंडित जवाहर लाल नेहरू को सदैव ही “ए” श्रेणी की क़ैद में रखा जाता था। उनकी एक चिट्ठी को लेकर उन पर निशाना साधा जाता है। वास्तव में सावरकर ने इस चिट्ठी को चाणक्य नीति और जिसके बारे में भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने कहा है कि “हिकमत-ए-अमली” (तरकीब) को अपनाते हुए चिट्ठी को लिखा गया, जिसका अभिप्राय था कि किसी भी प्रकार से वह जेल से बाहर आएं और भारत को आज़ाद कराने के अपने अभियान पर अग्रसर हों। वास्तव में सावरकर के मुखालिफीन जिसको माफीनामा कहते हैं, वह एक तुरुप का पत्ता था, जिसे ये कांगेसी, वामपंथी और विपक्षी अपनी वोट बैंक की सियासत के चलते कभी नहीं समझना चाहेंगे।

सावरकर को गाली देने वाले इस बात को समझ लें कि भारत की आज़ादी में उनका क़द अगर महात्मा गांधी से ज़्यादा नहीं तो कम भी नहीं है, क्योंकि जो कुर्बानियां सावरकर ने 10 साल काला पानी व अन्य जेलों में गंदा पानी पीकर, कॉकरोच, छिपकली, मच्छरों, कीड़ों आदि के साथ पकाए गए खाने खाकर और बैल की जगह दिन में दस किलो तिल का तेल निकालने के लिए जेल में बैल की जगह जुतकर या पानी के जहाज़ से कूदकर फ़्रांस पहुँचकर दी थीं, गांधीजी या नेहरुजी ने ऐसा कुछ नहीं झेला था। लिहाजा, इस स्तम्भ के ज़रिए लेखक कहना चाहेगा कि आज के बाद से सावरकर के पर गलतबयानी न की जाए। भारत माता की जय!

Topics: Mahatma Gandhi and Veer Savarkarकांग्रेसInsultराहुल गांधीRahul Gandhiveer savarkarवीर सावरकर अपमानमाफीनामामहात्मा गांधी और वीर सावरकर
Share10TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

नेशनल हेराल्ड मामला: सोनिया और राहुल गांधी कोर्ट को कर रहे गुमराह, दी गलत जानकारी, ईडी की बड़ी दलीलें

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

ममता बनर्जी  एवंं असदुद्दीन ओवैसी

मतदाता सूची : बवाल के पीछे असल सवाल

Bihar election-2025

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: लालू यादव का कांग्रेस से मोहभंग, AIMIM के साथ नया गठबंधन?

संविधान, संशोधन और सवाल

National Herald Scam

नेशनल हेराल्ड केस: यंग इंडिया के जरिए सोनिया-राहुल ने की 2000 करोड़ की साजिश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies