उत्तरकाशी में गंगोत्री वन प्रभाग के अंतर्गत पिछले कई सालों से सेना अपनी युद्धाभ्यास करती रही है, ये अभ्यास अस्थाई शिविरों में किया जाता है। अब सेना यहां अपने स्थाई शिविर बनाने जा रही है। सेना और वन विभाग इस मामले में जरूरी दस्तावेज तैयार करने लगे हैं।
जानकारी के मुताबिक गंगोत्री वन प्रभाग के हर्षिल क्षेत्र में सेना की बटालियन का यहां अलग-अलग स्थानों पर युद्धाभ्यास चलते हैं। चीन सीमा तक लगे इन क्षेत्रों में आर्मी ट्रेनिंग के पीछे मुख्य उद्देश्य यही होता है कि सैनिक हिमालय क्षेत्र के बर्फीले इलाकों में हर समय युद्ध के लिए तैयार रह सके। अभी तक जो बटालियन यहां आती थी, उन्हें अपने टेंट आदि लगाने पड़ते थे। बर्फीला क्षेत्र होने की वजह से कई बार सेना के जवानों और अधिकारियों को परेशानियां भी उठानी पड़ती थी।
अब सेना ने यहां स्थाई शिविर लगाने की योजना बनाई है, जिसके लिए वन विभाग के साथ मिलकर सीमांकन किया गया है। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक करीब 477 एकड़ वन जमीन अलग-अलग टुकड़ों में चिन्हित की गई है, जिसके हस्तांतरण की कार्रवाई शुरू हो गई है। वन विभाग ने इस क्षेत्र में सेना के अधिकारियों के साथ पेड़ गिन लिए हैं और ये शर्त है कि एक भी पेड़ काटा नहीं जाएगा। सेना का कहना है कि वो क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षण भी करेगी।
सेना यहां सैनिकों अधिकारियों के रुकने के लिए टीन शेड भवनों का निर्माण करेगी। सेना ने जिला प्रशासन और वन विभाग से मिलकर गांव की वन पंचायत की भी 124 एकड़ जमीन को भी चिन्हित किया है। डीएफओ पुनीत कुमार ने बताया कि सेना और देश हित की जरूरत को देखते हुए ये जमीन सेना के युद्धाभ्यास के लिए उन्हें दिए जाने की कागजी कार्रवाई चल रही है, सेना के अभ्यास पहले भी यहां चलते रहे हैं। सेना यहां सैनिकों के लिए अस्थाई निर्माण कर सकेगी। उम्मीद है अगले कुछ महीनों में ये जगह सेना को ट्रांसफर हो जाएगी।
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