बीते पांच साल से तुलना करें तो वाराणसी में देसी पर्यटकों की संख्या दस गुना तक बढ़ गयी है। पर्यटन विभाग की ओर से जनवरी 2017 से लेकर जुलाई 2022 तक के आंकड़े प्राप्त हुए हैं। इसमें भारतीय पर्यटकों के आगमन में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गयी है। इसके अलावा कोविड महामारी के चलते पिछले दो वर्ष से विदेशी सैलानियों की आवाजाही में ठहराव आ गया था, जिसमें इस साल तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
पर्यटन उप निदेशक, प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2022 में महज जुलाई माह में वाराणसी पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 40 लाख 3 हजार 288 है, जो जुलाई 2017 के 4,61,650 के मुकाबले करीब दस गुना ज्यादा है। वहीं, विदेशी पर्यटकों की बात करें तो इनकी संख्या में भी कोरोना काल के बाद इजाफा दर्ज किया गया है। पर्यटन उद्योग से जुड़े व बनारस होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष गोकुल शर्मा का कहना है कि बेहतर कनेक्टिविटी के चलते पर्यटक वाराणसी के साथ ही अयोध्या, विन्ध्याचल और प्रयागराज भी पहुंच रहे हैं। छुट्टियों, पर्वों व त्योहारों में काशी में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी है। टेंट सिटी, रिवीर फ्रंट, नमो घाट जैसी पर्यटन, परिवहन तथा मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करने वाली परियोजनाओं के पूरा होने के बाद काशी सहित वाराणसी और मिर्जापुर मंडल में पर्यटन उद्योग को और ऊंचाई मिलेगी।
उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने में पर्यटन उद्योग की अहम भूमिका है। योगी सरकार की ओर से प्रदेश के पर्यटन स्थलों का विकास, कनेक्टिविटी और वहां मूलभूत सुविधाएं तथा बेहतर कानून व्यवस्था देने से प्रदेश में पर्यटकों के लिए अनुकूल माहौल बना गया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण वाराणसी बनकर उभरा है, जो विश्व के पर्यटन मानचित्र पर तेजी से उभरकर सामने आया है। इसकी वज़ह है वाराणसी का चौतरफ विकास, इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी और आसपास की मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाया है, जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गयी है।
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