काशी-तमिल संगमम में देश भर से आ रहे मेहमान दो महान व समृद्ध संस्कृतियों का समागम देख अभिभूत व आनंदित हो रहे हैं। इस कार्यक्रम में लोगों को सर्वविद्या की राजधानी तथा देश के प्रमुख व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के बारे में भी जानकारी मिल रही है। काशी-तमिल संगमम की मेजबानी कर रहे बीएचयू ने आयोजन स्थल एम्फीथिएटर मैदान पर अपना स्टॉल भी लगाया है। जिसमें विश्वविद्यालय की गौरवपूर्ण यात्रा और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी ज्ञानार्जन व शोध के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की विशिष्टता को दर्शाती है। जहां प्राचीन ज्ञान से लेकर आधुनिक विज्ञान तक की शिक्षा के लिए दुनिया भर से विद्यार्थी आते हैं। बीएचयू के स्थापना और आजादी की गौरव गाथा की यादें ताजा हो रही हैं।
स्टॉल में विश्वविद्यालय की स्थापना के लक्ष्यों, विभिन्न संस्थानों व संकायों, अध्ययन व शोध केन्द्रों, अंतरराष्ट्रीय केन्द्र, संग्रहालय – भारत कला भवन, महामना के आवास – मालवीय भवन, तथा सयाजी राव गायकवाड़ केन्द्रीय ग्रंथालय के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित कृषि विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक तथा वर्तमान में सलाहकार प्रो. रमेश चंद ने बताया कि इस स्टॉल का उद्देश्य विश्वविद्यालय की गौरव गाथा तथा राष्ट्र निर्माण में बीएचयू की भूमिका के बारे में अवगत कराना है। उन्होंने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय दुनिया भर में एक विशिष्ट संस्थान है, जहां एक ही स्थान पर अनेक क्षेत्रों की शिक्षा दी जाती है। इस स्टॉल के माध्यम से यह भी बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य करता आ रहा है।
बीएचयू के स्टॉल को दृश्य कला संकाय के डॉ. मनीष अरोड़ा ने डिज़ाइन किया है। स्टॉल पर विश्वविद्यालय के प्रमुख बिन्दुओं के बारे में क्यू आर कोड भी उपलब्ध कराए गए हैं, जिन्हे स्कैन कर आगन्तुक विस्तृत जानकारी अपने फोन पर ही पा सकते हैं। स्टॉल का एक प्रमुख आकर्षण डेयरी विज्ञान व खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान, द्वारा तैयार उत्पाद भी हैं। इनमें विभाग के विद्यार्थियों द्वारा तैयार महामना प्रसाद (दूध से तैयार पेड़ा) भी है, जिसे काफी पसंद किया जा रहा है। इसके अलावा काले आटे से तैयार हलवा, सेब का जैम, तथा पपीते का अचार भी प्रदर्शित किया गया है।
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