आतंकवाद रोधी समिति के सफल नेतृत्व के लिए यूएनएससी के सदस्यों ने भारत को सराहा

संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद रोधी समिति ने भारत में संपन्न हुए अपने दो दिवसीय सम्मेलन में सदस्य देशों से आतंकवादी गतिविधियों को कतई बर्दाश्त नहीं करने की अपील की थी।

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WEB DESK

आतंकवाद रोधी समिति (सीटीसी) के भारत के नेतृत्व और पिछले महीने देश में इसकी विशेष बैठक की सफल मेजबानी करने पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों ने सराहना की है। यूएनएससी ने इसे एक प्रमुख कार्यक्रम बताया, जिसमें भविष्योन्मुखी दिल्ली घोषणापत्र स्वीकार किया गया था।

संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद रोधी समिति ने भारत में संपन्न हुए अपने दो दिवसीय सम्मेलन में 29 अक्टूबर को सदस्य देशों से आतंकवादी गतिविधियों को कतई बर्दाश्त नहीं करने की अपील की थी। सम्मेलन में 15 सदस्यीय यूएनएससी के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। प्रतिनिधमंडल ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने मुंबई में 26/11 के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देकर अपनी यात्रा शुरू करने के लिए उनकी सराहना की।

बैठक के दौरान, राष्ट्रपति को संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि, राजनयिक रुचिरा कंबोज ने सीटीसी के अध्यक्ष के रूप में, यूएनएससी सीटीसी के कामकाज और इसकी प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी दी। माइकल मौसा एडमो, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और गैबॉन के विदेश मंत्री एवं भारत के विदेश मंत्री, डॉ. एस जयशंकर ने भी राष्ट्रपति को यूएनएससी सीटीसी के विचार-विमर्श के मुख्य पहलुओं और आगे के रास्ते से अवगत कराया, जैसा दिल्ली घोषणा में उल्लिखित है।

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