उत्तराखंड में धामी सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता कानून को लागू करने की घोषणा के बाद विशेषज्ञ समिति बनाई गई है। समिति ने नैनीताल में दो दिन कैंप लगाकर स्थानीय वकीलों और आम नागरिकों के सुझावों को नोट किया।
पूर्व जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में बनाई गई विशेषज्ञ समिति ने नैनीताल में हाई कोर्ट होने की वजह से वरिष्ठ वकीलों और स्थानीय प्रबुद्ध जनों के साथ घंटों बैठकर दो दिनों में दर्जनों सुझावों को अपने एजेंडे में शामिल किया। जस्टिस देसाई ने कहा कि नैनीताल में हमें अच्छे सुझाव मिले हैं। इसका हम स्वागत करते हैं।
जानकारी के मुताबिक विशेषज्ञ समिति के सम्मुख लोगों ने वैवाहिक उम्र, संपत्ति में बेटियों और अन्य रिश्तेदारों के हिस्से, अलग-अलग समुदायों में तलाक, परित्याग जैसे मामले में भी सुझाव दिए गए। एक देश एक कानून के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी राय स्पष्ट की है कि देश के हर नागरिक के लिए एक ही कानून होना चाहिए, कानून को धर्म के आधार पर अलग-अलग नहीं बनाया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि धामी सरकार ने सबसे पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता बनाए जाने की घोषणा की थी, जिसके बाद गोवा, हिमाचल और गुजरात ने भी इस बारे में अपनी घोषणा की है। सीएम धामी ने कहा है कि उत्तराखंड में बनाया गया कानून देश के लिए एक मिसाल पेश करेगा।
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