चारा घोटाले में सजा पा चुके लालू यादव इलाज के लिए सिंगापुर जाने वाले हैं, लेकिन सीबीआई ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
बिहार के चर्चित चारा घोटाले के दोषी और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती हैं। बता दें कि देवघर जिला कोषागार से 89.27 लाख रुपए की अवैध निकासी से जुड़े मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की सजा की अवधि बढ़ाने को लेकर सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय में एक याचिका डाली थी। याचिका में कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव सहित अन्य लोगों को कम सजा दी गई है, जबकि लालू इस मामले के षड्यंत्रकर्ताओं में शामिल हैं। इसी मामले में निचली अदालत ने जगदीश शर्मा को सात साल की सजा सुनाई थी। इसलिए लालू प्रसाद यादव को भी इतनी ही सजा मिलनी चाहिए। सीबीआई की याचिका पर 21 नवंबर को सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति रंजन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के सामने लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने सीबीआई की इस मांग को गैर—वाजिब बताया, जबकि सीबीआई की ओर से कोई अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित नहीं हो पाया। इसलिए न्यायालय ने अगली सुनवाई 3 सप्ताह के बाद निर्धारित की। इसके साथ ही न्यायालय ने सीबीआई को इस मामले में सभी अभियुक्तों से जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जिस पर सीबीआई की ओर से समय देने की मांग की गई है।
आपको बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने देवघर कोषागार से धोखाधड़ी कर निकासी के मामले में लालू प्रसाद यादव को दिसंबर, 2017 में साढ़े तीन वर्ष की सजा सुनाई थी। इसके बाद वे जेल में रह रहे थे। उनकी बीमारी को देखते हुए जुलाई, 2021 में झारखंड उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी तभी से वे जेल से बाहर हैं।
बता दें कि चारा घोटाले का उजागर पश्चिमी सिंहभूम जिले (चाईबासा) के तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे द्वारा 27 जनवरी, 1996 को किया गया था। इस मामले में जांच आगे बढ़ाई गई तो इसका संबंध लालू प्रसाद यादव समेत कई लोगों से निकला। बाद में सीबीआई ने जांच की और लालू सहित अनेक लोगों को सजा मिली।
किस केस में लालू को हुई कितनी सजा
लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े अन्य चार मामलों में पहले ही कुल 14 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। पहला मामला चाईबासा कोषागार से जुड़ा था, जिसमें उन्हें 5 साल की सजा हुई। यह मामला 37 करोड़ की अवैध निकासी का था। वहीं दूसरा मामला देवघर कोषागार से था, जिसमें उन्हें 3.5 साल की सजा हुई थी और यह मामला 89.27 लाख रु. की अवैध निकासी का था। तीसरा मामला 33.13 लाख की अवैध निकासी का था। यह भी चाईबासा कोषागार से जुड़ा था। इसमें लालू को पांच साल की सजा हुई थी। फिर दुमका कोषागार (3.13 करोड़ की निकासी) के मामले में सात साल की सजा लालू को सुनाई गई थी।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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