पाकिस्तान हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर मसले पर झूठ बोलता रहता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी पाकिस्तान ने कश्मीर मसले पर झूठ बोला, तो भारत ने उसे उजागर करते हुए जोरदार फटकार लगाई।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों को लेकर चर्चा चल रही थी। उसी चर्चा के दौरान पाकिस्तान के एक प्रतिनिधि ने जम्मू-कश्मीर का मसला उठा दिया। इस पर भारत की ओर से तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की गयी।
इस मसले पर जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी मिशन प्रतीक माथुर ने पाकिस्तान की इस कोशिश को झूठ फैलाने का हताश प्रयास करार दिया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में दुनिया के तमाम देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों पर चर्चा के लिए जुटे थे, तभी पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने फिर से जम्मू-कश्मीर का बेफिजूल संदर्भ उठा दिया। इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, भले ही पाकिस्तान का प्रतिनिधि कुछ भी मानता हो। उन्होंने कहा कि झूठ फैलाने के हताश पाकिस्तानी प्रयास और बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग करने की बुरी आदत वास्तव में सामूहिक अवमानना है।
इससे पहले भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान की सदस्यता वाले चार देशों के समूह जी-4 ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को चेतावनी दी थी कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार को जितना टाला जाएगा, उसके प्रतिनिधित्व में उतनी ही कमी आएगी। जी-4 की ओर से कहा गया था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता में विस्तार करके ही मौजूदा संघर्षों से प्रभावी तरीके से निपटा जा सकेगा।
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि 43 साल पहले 1979 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के एजेंडा में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समान प्रतिनिधित्व पर प्रस्ताव को शामिल किया गया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चार दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस मुद्दे पर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।
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