नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विकास धूल ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन समेत तीन आरोपितों की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने 11 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट ने सत्येंद्र जैन के अलावा आरोपितों वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका भी खारिज करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा कि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग कानून की मनमानी व्याख्या कर रहा है। पैसा अंकुश जैन, वैभव जैन और दूसरे आरोपितों का है, जो एंट्री से साफ है। यह कर उल्लंघन का मामला हो सकता है, लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं। यह सत्येंद्र जैन का पैसा कैसे हो सकता है।
ईडी ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि जैन ने हवाला ऑपरेटर को 40-50 बार नकदी उपलब्ध कराई। ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि जैन लगातार गलत जानकारी दे रहे थे, जो भारतीय दंड संहिता के मुताबिक अपराध है। ये मामला एक करोड़ रुपये से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग का है, ऐसे में जैन को जमानत न दी जाए। 28 अक्टूबर को जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा था कि ईडी ने उन्हें केवल इसलिए गिरफ्तार किया है कि वे दिल्ली सरकार में मंत्री हैं, जैन के खिलाफ कोई आरोप नहीं है।
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एक अक्टूबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी। 24 सितंबर को प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज विनय कुमार ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। राऊज एवेन्यू कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज ने जैन की जमानत याचिका पर विकास धूल की कोर्ट में सुनवाई के लिए भेज दिया था।
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