मध्यप्रदेश के विदिशा में लव जिहाद का मामला सामने आया है, जहां विदिशा रेलवे स्टेशन पर एक नाबालिग जोड़ा बैठा हुआ था। रेलवे पुलिस की पूछताछ में पता चला कि दोनों नाबालिग हैं और शादी करने के लिए अपने रिश्तेदार के यहां सागर जाने की फिराक में हैं।
जीआरपी पुलिस ने चाइल्ड लाइन की मदद से मामले की तहकीकात की तो खुलासा हुआ कि लड़का मुस्लिम है और लड़की हिंदू है। लड़के की हरकतें ठीक नहीं है और उसकी मां ने लड़की पर दबाव बनाया था कि तुम मेरे बेटे से निकाह कर लो तो वह सुधर जाएगा। फिर हम लोग तुम्हारा मतांतरण करा देंगे। फिलहाल चाइल्ड लाइन ने दोनों को बाल कल्याण समिति विदिशा में पेश किया, जहां से दोनों का परीक्षण कराने के बाद लड़के को भोपाल किशोर न्याय बोर्ड और लड़की को बाल कल्याण समिति भोपाल को सौंप दिया।
विदिशा चाइल्ड लाइन की काउंसलर दीपा शर्मा ने बताया कि काउंसलिंग में सामने आया कि लड़की 15 साल की है और लड़का 16 साल का है। उसने पिछले एक साल से लड़की को प्रेम जाल में फंसाया था। दोनों भोपाल के एक ही मोहल्ले में रहते थे। लड़का चोरी के आरोप में पकड़ा जा चुका है, उसे नशे की आदत भी है। वहीं, किशोरी की 4 बहनें और एक भाई है। किशोरी भाई-बहनों में चौथे नम्बर की है। बड़ी की शादी के बाद से माता-पिता अलग रहने लगे थे। भाई पिता के साथ और तीन लड़की मां के साथ रहने लगी।
मां हास्पिटल में काम करती है। एक साल पहले नाबालिग किशोरी की लड़के से पहली मुलाकात हुई थी। जिसके बाद वह अक्सर मिलने लगे थे। लड़की ने बताया कि लड़के की मां ने ही उससे कहा था कि जब से मेरे लड़के के साथ तुम्हारा संबंध हुआ है तब से उसमें सुधार हो गया है। वह चोरी और नशे की लत से दूर हो रहा है। उससे शादी कर लो वह सुधर जाएगा। इसलिए यह दोनों घर से शादी करने निकले थे, पहले इटारसी गए, फिर सागर जाने के लिए ट्रेन में बैठे, लेकिन बाद में पता चला कि वह ट्रेन सागर नहीं जाती तो वह विदिशा रेलवे स्टेशन पर उतर गए। विदिशा रेलवे स्टेशन पर सागर जाने के लिए ट्रेन का पता कर रहे थे तो इसी दौरान जीआरपी पुलिस ने इन लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि लड़का मुस्लिम है और लड़की हिन्दू है। दोनों नाबालिग हैं और दोनों ने स्वीकार किया कि शादी करने के लिए रिश्तेदार के यहां सागर जा रहे थे।
इसके बाद जीआरपी पुलिस ने चाइल्ड लाइन टीम को बुला लिया और उनके सुपुर्द कर दिया। चाइल्ड लाइन टीम दोनों की काउंसलिग के बाद बाल कल्याण बोर्ड के समक्ष पेश कर दिया। बताया गया कि बाल कल्याण समिति ने दोनों के परिजनों से चर्चा की दोनों के भोपाल में रहने के कारण चाइल्ड लाइन को सुपुर्द करते हुए भोपाल कल्याण समिति को सौंपने के आदेश दिए। चाइल्ड लाइन की काउंसलर दीपा शर्मा ने बताया कि लड़की की मां अस्पताल में काम करती थी और जहां अक्सर नाइट ड्यूटी रहती थी। इस दौरान लड़का कई बार लड़की के घर जाकर रुकता था। लड़की गर्भवती भी बताई जा रही है।
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