इमरान ने कहा-‘अमेरिका करता है भारत का मान, हमें मानता है नौकर’

इमरान हों या शाहबाज, सबकी यही चाहत है कि अमेरिका पाकिस्तान से वैसा ही 'सम्मानजनक व्यवहार' करे, जैसा वह भारत के साथ करता है

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WEB DESK

अपनी प्रधानमंत्री की कुर्सी खिसकने के पीछे अमेरिका को पानी पी—पीकर कोसने वाले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों अमेरिका के पिट्ठु बनने की कुछ ज्यादा ही पैरवी कर रहे हैं। पिछले कुछ समय में वे कई बार भारत की भी प्रशंसा कर चुके हैं। वे भारत की ‘स्वतंत्र विदेश नीति’ के मुरीद हो चले हैं। आजकल वे एक ही बयान देते घूम रहे हैं कि पाकिस्तान को अमेरिका से रिश्ते सुधारने की जरूरत है।

इमरान खान ने हाल ही में ब्रिटेन के मशहूर अखबार द फाइनेंशियल टाइम्स को एक साक्षात्कार दिया है। उसमें भी उनकी बातों में भारत का संदर्भ आए बिना नहीं रहा। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘अमेरिका भारत को बहुत सम्मान देकर व्यवहार करता है’। भारत की तारीफ करते हुए इमरान अपनी पार्टी की रैलियों में कई बार कह चुके हैं कि भारत ने अपनी जनता की भलाई के लिए यूक्रेन युद्ध के बावजूद अमेरिका के दबाव में आए बिना रूस से तेल लेना जारी रखा। बेशक, भारत अपने लोगों के कल्याण को प्राथमिकता पर रखता है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री चाहते हैं कि अमेरिका उनके देश से भी उसी सम्मान के साथ बात करे जिससे वह भारत के साथ करता है। उल्लेखनीय है कि पिछले लंबे वक्त से अमेरिका को पाकिस्तान फूटी आंख नहीं सुहा रहा है। पहले इमरान और अब शाहबाज शरीफ को तो महीनों तक मिलने का वक्त देने से भी कतरा रहा है। पाकिस्तान के नेता जानते हैं कि अमेरिका के नेताओं की नजरों में उनकी कोई पूछ नहीं है। हालांकि यह भी सच है कि ऐतिहासिक रूप से वे अमेरिका के बगल में खड़े दिखने को लालायित रहते हैं।

यही वजह है कि अमेरिका के लिए कुछ टेढ़ा शब्द मुंह से निकलने के बाद सफाइयां देते फिरते हैं। पाकिस्तानी नेता चाहते हैं उनके देश को भी अमेरिका सम्मान की नजर से देखे, लेकिन ऐसा हाल—फिलहाल में होता नजर नहीं आता। इमरान हों या शाहबाज, सबकी यही चाहत है कि अमेरिका पाकिस्तान से वैसा ही ‘सम्मानजनक व्यवहार’ करे, जैसा वह भारत के साथ करता है।

फाइनेंसियल टाइम्स को दिए साक्षात्कार में इमरान खान का यही ‘दर्द’ उछाल मार रहा था। पूर्व क्रिकेटर कप्तान यहां तक बोल गए कि इस्लामाबाद और वॉशिंगटन के रिश्ते तो ‘मालिक-नौकर’ की तरह हैं। उनका दावा था कि पाकिस्तान को अमेरिका ने ‘भाड़े की बंदूक’ जैसे प्रयोग किया। लेकिन इमरान ने बड़ी चतुराई से इसका दोष अपने से पहले की सरकारों पर मढ़ दिया। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘अमेरिका जैसे हमारा मालिक है और हम उसके गुलाम। इसके लिए कोई जिम्मेदार है तो हमारे देश की सरकारें’।

जैसा पहले बताया, अमेरिका की गोद में बैठने को मचल रहे ये वही इमरान खान हैं, जिन्होंने अमेरिका पर उन्हें सत्ता से बाहर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। यही इमरान थे जिन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के लोगों की मदद के बिना अमेरिका अपनी उस साजिश में सफल नहीं हो सकता था। अमेरिका जो भी चाहता था, वह पाकिस्तानी लोगों की मर्जी के बिना नहीं हो सकता था। उसकी इस साजिश में पाकिस्तानी भी बढ़—चढ़कर शामिल रहे थे।

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