कालागढ़ फॉरेस्ट डिविजन के अंतर्गत एक बाघिन मर्चुला बाजार से होती हुई आबादी की तरफ चली आई, इस बूढ़ी बाघिन को रेस्क्यू करने के बजाय फॉरेस्ट रेंजर द्वारा उसके गोली मार दी गई, जिसके बाद से कॉर्बेट प्रशासन में हडकम्म मचा हुआ है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से मंदाल रेंज में मादा बूढ़ी बाघिन अक्सर वहां विचरती रहती है। आज भी वो शाम को उधर से दहाड़ते हुए गुजरी तो फॉरेस्ट रेंज के अधिकारी सक्रिय हुए आम तौर पर ऐसे माहौल में बाघिन के वापिस जंगल जाने का इंतजार किया जाता है, लेकिन वहां मौजूद फॉरेस्ट रेंजर अमोल इष्टवाल ने उस पर बारह बार की बंदूक से फायर झोंक दिया। थोड़ी ही देर में बाघिन ने वहीं दम तोड दिया।
इस खबर के फैलते ही कॉर्बेट प्रशासन में हड़कम मच गया, आनन फानन में बाघिन के शव का पोस्टमार्टम करवा दिया गया। खास बात ये भी रही कि पीएम के वक्त मीडिया को बाघिन के शव के पास तक जाने नही दिया गया। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक पीएम में भी 1 दर्जन से अधिक छर्रे बाघिन के शरीर में निकाले गए है। हालंकि बताता जा रहा है कि बाघिन पहले से बीमार और कमजोर थी और उसपर गोलियां चलाई गई।
आम तौर पर बाघों के सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी कॉर्बेट प्रशासन की है ऐसे में जब खुद उनके अधिकारी ही बाघों की हत्या करने लग जाए तो सवाल पार्क प्रशासन पर खड़े होना स्वाभाविक है। उधर बाघिन पर गोलियां चलाने का वीडियो वायरल होने के चलते सच्चाई सामने आगयी है।
कॉर्बेट पार्क के निदेशक डा धीरज पाण्डेय के मुताबिक बाघिन का पीएम करवाया जा रहा है और घटना की जांच भी करवाई जा रही है। यदि फॉरेस्ट रेंजर से कोई लापरवाही हुई है तो विभागीय कारवाई की जाएगी।
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