स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद, जिन्होंने मां गंगा के लिए 112 दिन अनशन के बाद त्याग दिया था शरीर
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद, जिन्होंने मां गंगा के लिए 112 दिन अनशन के बाद त्याग दिया था शरीर

भारतीय जनमानस अपने जीवन के एक छोर पर आध्यात्म की तरफ जाता ही है, प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ने भी कालांतर में सन्यास लिया और स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद बन गए।

by उत्तराखंड ब्यूरो
Nov 15, 2022, 03:31 pm IST
in उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

गुरु दास अग्रवाल का जन्म 20 जुलाई सन 1932 को कांधला, शामली, उत्तर प्रदेश में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा के बाद रुड़की विश्वविद्यालय वर्तमान आईआईटी रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। तत्पश्चात कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय आदि से शिक्षा प्राप्त की। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान, आईआईटी कानपुर में 17 वर्ष तक सिविल और पर्यावरण इंजीनियरिंग के मानद प्राध्यापक पद पर अपनी सेवाएं दी। भारत सरकार के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रथम सदस्य सचिव और राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय के सलाहकार भी रहे।

भारतीय जनमानस अपने जीवन के एक छोर पर आध्यात्म की तरफ जाता ही है, प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ने भी कालांतर में सन्यास लिया और स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद बन गए। प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ने वैराग्य तो लिया, किन्तु इतने वर्षों के अध्ययन, अध्यापन, प्रशासनिक व धरातलीय कार्य से जो ज्ञान, अनुभव मिला था, उसको वह कैसे व्यर्थ जाने देते। उनका समस्त जीवन पर्यावरण संबंधी विषयों के चिन्तन पर ही बीता था। मां गंगा की बदहाल अवस्था से वे परिचित थे ही, एक पल के लिए गंगा आम समाज के लिये नदी हो सकती है, पर संत-समाज के लिए गंगा मात्र नदी नहीं वरन एक पुण्य पवित्र मोक्षदायिनी गंगा मां हैं। एक पर्यावरणविद होने के नाते भी और एक संत हो जाने पर मां गंगा ही उनकी प्राथमिकता में थी। पहले प्रोफेसर जीडी अग्रवाल और सन्यास के पश्चात स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद गंगा के अविरलता और निर्मलता के लिए विगत लगभग 40 वर्षों से अनवरत प्रयासरत रहे हैं। स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद द्वारा सन 2009 में भागीरथी नदी पर बांध के निर्माण रोकें जाने पर देश में व्यक्ति इनके बारे में जान पाए।

भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित अनेक जल-विद्युत परियोजनाएं, जो गंगा की सहायक नदियों पर बनाई जानी हैं, उनके विरोध में स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने आमरण अनशन की शुरुआत की थी। बांध बिजली परियोजनाएं, हमें बिजली तो देती है, पर बांध नदियों के पूरी संरचना और भौतिक स्वरुप को ही बिगाड़ देते हैं। गंगा के विषय में यह क्षति अभूतपूर्व हो रही थी, भौतिक तौर पर भी और आध्यात्मिक तौर पर भी। स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद नें सरकार से गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए गंगा एक्ट लागू करने की अपील की थी, जो अपरिहार्य कारणों से पूरी नहीं हो पायी थी।

मां गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने आमरण अनशन किया। आमरण अनशन पर स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने घोषणा की थी कि सरकार उनके प्राण रहते हुए मां गंगा के गंगत्व को बनाये रखने के लिए भागीरथी, अलकनंदा, मन्दाकिनी, नंदाकिनी, धौलीगंगा और पिंडर पर निर्माणाधीन और प्रस्तावित समस्त बांध परियोजनाओं को निरस्त करने के साथ ही गंगा के उच्चतम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में खनन तथा वन कटान प्रतिबंधित करने का नोटिफिकेशन ले आएंगे तो वह अपने उपवास को विराम देंगे। 112 दिन चले अविरत अनशन के दौरान कई उतार चढ़ाव के पश्चात अन्ततः 11 अक्टूबर सन 2018 को 86 वर्षीय कर्म से गुरु मन से दास, सानंद ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश में अपनी आखिरी सांस ली। वे अपने विषय में और वर्तमान परिस्थिति को बेहद अच्छी तरह जानते भी थे, इसीलिए वे पहले ही अपना शरीर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश को दान करने की व्यवस्था कर चुके थे।

Topics: Professor GD Agrawalस्वामी ज्ञानस्वरूप सानंदगंगा संरक्षणप्रोफेसर जीडी अग्रवालSwami Gyanswaroop SanandSwami Gyanswaroop Sanands fastGanga Rejuvenation
Share29TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

PIB Fact Check : दिल्ली आगजनी और मिसाइल हमले का फर्जी वीडियो वायरल, PIB ने खोली पाकिस्तान की पोल!

चित्र वर्तमान समय के अनुसार नहीं है. प्रतीकात्मक हैं.

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान कर रहा भारी गोलीबारी : भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब, हमास के हथकंडे अपना रहा आतंकिस्तान

Tension on the border : जैसलमेर-बाड़मेर समेत 5 ज़िलों में हाई अलर्ट और ब्लैकआउट, शादी-धार्मिक कार्यक्रमों पर भी पाबंदी

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

“पहाड़ों में पलायन नहीं, अब संभावना है” : रिवर्स पलायन से उत्तराखंड की मिलेगी नई उड़ान, सीएम धामी ने किए बड़े ऐलान

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies