यूक्रेन के शहर खेरसान से रूसी सैनिकों के पीछे हटने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने उस तबाह हुए शहर का दौरा किया। वहां उन्होंने ध्वस्त इमारतों, इलाकों को देखा और हताहतों से बात की। वहीं से प्रेस को वक्तव्य देते हुए उन्होंने कहा कि खेरसान अब हमारा है। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेनी सेना की विशेष यूनिट्स ने खेरसान शहर में प्रवेश किया है। जेलेंस्की ने भरोसा दिलाया कि अब रूसी सेना को देश से बाहर खदेड़कर हर शहर को आजाद कराया जाएगा।
इस मौके पर राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि खेरसान से रूसी सेना पीछे हटी है जो युद्ध के अंत की शुरुआत की तरफ संकेत करता है। जेलेंस्की ने जोर देकर कहा, अब खेरसान हमारा है।
उल्लेखनीय है कि रूसी सेना के कब्जे से खेरसान के मुक्त होने के बाद वहां गए राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सैनिकों तथा अन्य नागरिकों का हौंसला बढ़ाने के उद्देश्य से कहा कि उन्हें इस शहर में आना जरूरी लगा। क्योंकि जब सेना हर रोज खतरा उठाती है, पत्रकार खतरा उठाते हैं, तो यह खतरा वे क्यों नहीं उठा सकते। उन्होंने कहा कि उनका खेरसान के निवासियों के बारे दुनिया को बताना जरूरी है। हम न केवल आजादी की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम सच में जीत रहे हैं।
जेलेंस्की ने सैनिकों को हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि हम आगे बढ़ रहे हैं। हम अपने पूरे देश में शांति लाने के लिए तैयार हैं। जेलेंस्की ने रूस के विरुद्ध युद्ध में कीव के पश्चिमी सहयोगियों को भी उनकी सहायता के लिए धन्यवाद दिया। इस सहयोग की वजह से ही यूक्रेन की सेना ने गत सितंबर में जवाबी हमले बोलते हुए लुहान्स्क में 12 रिहायशी इलाकों को आजाद कराया था।
इस मौके पर जेलेंस्की ने रूस के सैनिकों पर खेरसान में युद्ध अपराध करने और नागरिकों की हत्याएं करने का भी आरोप लगाया। यहां बता दें कि कुछ जांचकर्ताओं ने पिछले लंबे समय से जारी इस युद्ध को लेकर जो रिपोर्ट बनाई है, उसमें अकेले खेरसान में ही रूस के 400 से ज्यादा युद्ध अपराधों का डाटा तैयार किया है।
इस रिपोर्ट में जांचकर्ताओं द्वारा तैयार रूस के युद्ध अपराधों के डाटा में मारे गए नागरिकों तथा सैनिकों की लाशों का उल्लेख किया गया है। जेलेंस्की ने कहा कि रूसी सेना ने वैसी ही बर्बरता के साथ क्षेत्र में तबाही मचाई है जैसी उसने देश के अन्य क्षेत्रों में दाखिल होने के समय मचाई थी। उधर रूस इस आरोप से लगातार इन्कार करता आया है कि उसके सैनिकों ने जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाया है।
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