13वीं शताब्दी में हिंदू से इस्लाम में परिवर्तित हुए इंडोनेशिया सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है। लेकिन यहां पर भी इतिहास ने बड़ी करवट ली। 13वीं शताब्दी में एक राजकुमारी के इस्लाम अपनाने से देश इस्लामी हो गया था, लेकिन इंडोनेशिया की एक राजकुमारी ने हिंदू धर्म में वापसी की। इस निर्णय में उनका पूरा परिवार उनके समर्थन में था।
इंडोनेशिया मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। यहां का एक राज्य है बाली, जहां सबसे ज्यादा हिंदू रहते हैं और इनका आबादी में कुल हिस्सा है करीब 86 प्रतिशत। 13वीं शताब्दी में इंडोनेशिया हिंदू से इस्लाम में परिवर्तित हुआ था। 1267 में हिंदू राजकुमारी धोखे से मुस्लिम बनी थीं। लेकिन 2021 में इतिहास ने फिर करवट ली। इंडोनेशिया की राजकुमारी दीया मुटियारा सुकमावती सुकर्णोपुत्री 26 अक्तूबर, 2021 को वापस हिन्दू धर्म में लौटीं।
राजकुमारी सुकमावती ने अपने 70वें जन्मदिन पर बाली में सुधी वदानी समारोह में इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म की दीक्षा ली। सुधी वदानी अर्थात हिन्दू धर्म से शुद्धीकरण समारोह। वह इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की तीसरी बेटी और देश की पांचवीं राष्ट्रपति मेघावती सुकर्णोपुत्री की बहन हैं। उनकी दादी न्योमन राय सिरिम्बेन भी एक हिंदू महिला थीं, जो बाली की रहने वालीं थीं। सुकमावती के ऊपर बचपन से ही हिंदू धर्म का काफी प्रभाव रहा है।
सुकमावती वर्षों से राम लीला और महाभारत आधारित नाटकों का मंचन करा रही थीं। उन्होंने पहले भी कई हिंदू समारोहों में भाग लिया था और हिंदू धर्म में धार्मिक प्रमुखों के साथ बातचीत की है। उनके फैसले का उनके पुत्र मोहम्मद ने भी स्वागत किया।
इससे पूर्व जावा की एक राजकुमारी कंजेंग रादेन अयु महिंद्रनी कुस्विद्यांती परमासी भी 17 जुलाई, 2017 को बाली में सुधा वदानी संस्कार से हिंदू धर्म में दीक्षित हो चुकी हैं। राजकुमारी महिंद्रनी एक निपुण पियानोवादक और संगीतकार भी हैं। जिहादियों की लाख कोशिश के बाद भी प्राचीन जावा सुमात्रा की धरती पर भारत की संस्कृति की जड़ें बिखरी पड़ी हैं। राजकुमारी का हिन्दू धर्म मे दीक्षित होना परंपरा और अपनी देशज संस्कृति को सहेजने की प्रक्रिया का हिस्सा है।
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