पाकिस्तान से आए एक समाचार के अनुसार, दक्षिण वजीरिस्तान में लोग आतंकवाद से इस हद तक परेशान हो चुके हैं कि अब उन्होंने सड़कों पर उतरकर बहरी सरकार को चेताया है। इसमें संदेह नहीं है कि पिछले लंबे समय से वह इलाका दहशत में है, आएदिन आतंकी वहां मनमानी कर रहे हैं। नागरिकों के अनेक आर शिकायत करने के बावजूद आतंकियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। आखिरकार हालत इतने खराब हो चुके हैं कि स्थानीय लोगों को अब सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने के अलावा कोई चारा नजर नहीं आ रहा है।
दक्षिण वजीरिस्तान के निवासियों की ने कल वाना में किए इस विरोध प्रदर्शन के जरिए सरकार से मांग की है कि क्षेत्र में जल्द से जल्द शांति बहाल कराई जाए जिससे लोग निडर होकर अपने कामकाज कर सकें। वहां पिछले दिनों आतंकवाद की एक के बाद एक अनेक घटनाएं घटी हैं, लेकिन सरकार या पुलिस प्रशासन उन पर कोई कार्रवाई करता नजर नहीं आ रहा है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि नागरिक प्रशासन क्षेत्र में फिर से शांति स्थापित करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करे।
वाना बाजार में यह प्रदर्शन वाना सियासी इत्तिहाद (WSI) द्वारा आयोजित किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने एक विरोध रैली निकाली और बाद में एक विशाल सभा का आयोजन हुआ। रैली में शामिल नागरिक काले झंडे लेकर चल रहे थे। वाना बाजार से गुजरते हुए उनका पैदल मार्च जाविद सुल्तान शिविर के पास जाकर एक विरोध सभा में परिवर्तित हो गया।
वाना सियासी इत्तिहाद द्वारा आयोजित इस पैदल मार्च और विरोध सभा में पाकिस्तान के कई विपक्षी दल शामिल हुए थे, जिनमें प्रमुख थे पीटीआई, जमाते-इस्लामी तथा कुछ अन्य राजनीतिक दल। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि जिले में सशस्त्र समूहों पर प्रतिबंध लगाया जाए, आतंकवाद से सख्ती से निपटा जाए, पैसे उगाहने के लिए किए जा रहे अपहरणों से छुटकारा दिलाया जाए। इतना ही नहीं उन्होंने इलाके के वरिष्ठ नेता सांसद अली वज़ीर की रिहाई की भी मांग की। वजीर गत दो साल से जेल में बंद हैं। विरोध सभा में वक्ताओं ने जनता और स्थानीय कारोबारियों को पर्याप्त सुरक्षा दिए जाने की भी मांग की।
प्रदर्शन में शामिल वाना सियासी इत्तिहाद के सक्रिय सदस्य सईद वज़ीर का कहना था कि सप्ताहभर पहले की बात है जब ठेकेदारी का काम करने वाले तारिक वज़ीर को ‘अज्ञात लोग’ वाना बाजार से अगवा करके ले गए थे, लेकिन आज तक उनका पता नहीं चल सका है। सरकार उनका पता लगाए और इलाके के कारोबारियों में सुरक्षा का एहसास जगाए।
सईद ने यह भी मांग की कि यहां का प्रशासन से इलाके में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निर्वहन करे। पुलिस तंत्र को और मजबूत किया जाए, इसकी शक्ति तथा विशेषाधिकार और बढ़ाए जाएं। सईद का कहना था कि अभी तक किसी भी सरकारी प्रतिनिधि ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने की कोशिश नहीं की है। उनकी चंतावनी है कि अगर सरकार ने अब भी कोई कदम नहीं उठाया तो यहां के लोग 20 नवंबर को फिर से विरोध प्रदर्शन करने को तैयार हैं।
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