इन दिनों प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के विरुद्ध गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 के तहत कार्रवाई चल रही है। इसके साथ ही पीएफआई से जुड़े फर्जी किस्से सामने आने लगे हैं। बता दें कि बिहार सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को एक पत्र केंद्रीय गृह मंत्रालय के अवर सचिव ने 11 नवंबर को भेजा है। इसमें 7 लोगों के नाम, उनके बैंक खातों की जानकारी और पैन नंबर शामिल हैं। विभाग से भेजी गई सूची में एक अररिया, 4 दरभंगा और एक व्यक्ति सीतामढ़ी का रहने वाला है। महबूब आलम सीतामढ़ी का है। वह पीएफआई के नागपाडा (मुम्बई) जिले का अध्यक्ष है, लेकिन इसका एक बैंक खाता दरभंगा स्थित एसबीआई की शाखा में है।
अन्य संदिग्धों के नाम
एहसान परवेज। यह बिहार में पीएफआई का सचिव है। एहसान परवेज का पैन नंबर है — CWTPP0853M और एचडीएफसी बैंक का खाता संख्या 50100047528841 है।
नुरुद्दीन जंगी। यह पीएफआई का लीगल हेड है। नुरुद्दीन दरभंगा का रहने वाला है। इसका पैन नंबर है—AAHPZ8048A। एसबीआई में इसका खाता है, जिसका नंबर है— 397399136967 है। जबकि एक अन्य खाता 0069114000919103 HDFC का है।
महबूब आलम का पैन नंबर है—BAAPA9416A और बैंक ऑफ इंडिया का खाता संख्या 005510110007970 है। एक अन्य खाता 0772010108046 यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सीतामढ़ी का है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिली सूची और निर्देश के आधार पर गृह विभाग के विशेष सचिव केएस अनुपम ने बिहार के सभी जिला अधिकारियों को इन संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
पीएफआई का प्रमुख केंद्र बिहार!
कुछ समय से बिहार पीएफआई का एक प्रमुख केंद्र बना है। संगठन पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे के दौरान उन्हें निशाना बनाने का आरोप लगा था।
इसके बाद देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की गई। उसमें 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया। पीएफआई की संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने उस पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब इस मामले में एक और बड़ी कार्रवाई की गई है, जिसमें बिहार से जुड़े पीएफआई के लोगों पर नकेल कसने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
ऐसी चर्चा आम है कि बिहार के कई शीर्ष नौकरशाह पीएफआई के समर्थन में काम करते हैं। शायद यही कारण है कि प्रतिबंधित होने के बाद भी बिहार में पीएफआई की सक्रियता जारी है, विशेषकर पूर्णिया प्रमंडल में। हाल ही में कटिहार में भाजपा नेता सह पूर्व जिला परिषद सदस्य संजीव मिश्रा की हत्या हुई है। इसका आरोप पीएफआई पर लगा है। यह मामला अब अधिक तूल पकड़ता दिख रहा है। बिहार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस हत्याकांड को लेकर गंभीर है। पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने इस मामले में सरकार को चेतावनी दी है। सम्राट चौधरी ने इस हत्याकांड में पीएफआई के शामिल होने की आशंका जताई है।
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