बीमा लोकपाल अतुल सहाय ने कहा है कि बीमा लोकपाल अब काफी असरदार हो चुका है और लोगों के सामने काफी मजबूती से उभर कर सामने आया है. बीमा कंपनियां दावों को लेकर टरकाने से पहले कई बार सोचने पर विवश होंगी. दावा करने के बाद बीमा कंपनी अगर एक महीने के भीतर भुगतान नहीं करती है तो बीमा लोकपाल से शिकायत की जा सकती है. यह शिकायत सीधे या फिर ईमेल से की जा सकती है. पीड़ित को शिकायत करने से लेकर निस्तारण तक किसी अधिवक्वता की जरूरत नहीं है. वाद निस्तारण के लिए किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं जमा कराया जाता है.
बीमा लोकपाल ने कहा कि 30 लाख रुपये तक के व्यक्तिगत बीमा दावों का निस्तारण 90 दिन के भीतर किया जाएगा.औसतन अगर देखा जाए तो जितने भी निस्तारण हुए हैं उनमें से 70 फीसदी फैसले शिकायतकर्ता के पक्ष में निस्तारित हुए हैं. लोकपाल द्वारा जारी फैसला, बीमा कंपनी के लिए बाध्यकारी है. प्रयास है कि बीमा संबंधी शिकायतों का अति शीघ्र निस्तारण हो. गत वर्ष बीमा लोकपाल को लगभग 45 हजार शिकायतें प्राप्त हुई थीं. इनमें 90 फीसदी शिकायतों का निस्तारण निर्धारित समयावधि के भीतर ही कर दिया गया. देश में लाइफ, नान लाइफ व हेल्थ की करीब 56 बीमा कंपनियां हैं. इनमें से किसी भी बीमा कंपनी के खिलाफ अगर कोई शिकायत है तो शिकायतकर्ता सीधे बीमा लोकपाल को अपनी शिकायत कर भेज सकता है. बीमा कंपनियों को यह लिखना बाध्यकारी कर दिया गया है कि “अगर आप हमारे जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो आप बीमा लोकपाल से संपर्क कर सकते हैं.”
टिप्पणियाँ