जम्मू—कश्मीर स्थित शोपियां में शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने जैश-ए-मोहम्मद के एक पाकिस्तानी आतंकी को मार गिराया था। दरअसल सुरक्षा बलों ने उस समय एक बड़ी घटना होने से बचा ली, जब आतंकी निकट के एक मदरसे में छिप गया था। इस दौरान आतंकी ने 11 साल के दो छात्रों को बंधक बना लिया। उस समय मदरसे में तीन शिक्षक समेत 31 छात्र मौजूद थे। हालांकि सुरक्षा बलों ने बड़ी सूझबूझ का परिचय देते हुए ऑपरेशन को अंजाम दिया और मदरसे तथा इससे सटी मस्जिद को किसी प्रकार के नुकसान होने से बचा लिया। सेना की 15 कोर के प्रवक्ता कर्नल एमरॉन मौसवी के अनुसार कापरन गांव में मदरसा दारुल उलूम खालिद इबिन वलीद में आतंकवादियों के छिपे होने की पुलिस ने सूचना मिली थी। इसके आधार पर ही सेना की 34 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) और पुलिस द्वारा घेराबंदी की गई। उस समय मदरसे में तीन शिक्षकों समेत 31 छात्र मौजूद थे। इस दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि आतंकी बगल में स्थित मस्जिद में शरण ना लेने पाएं। साथ ही ऑपरेशन के दौरान मस्जिद और मदरसा को किसी भी तरह का नुकसान ना पहुंचे। खबरों के अनुसार ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को संदिग्ध ओजीडब्ल्यू से जानकारी हाथ लगी कि मदरसे के अंदर आतंकी छिपे हैं। सुरक्षाबलों ने उसके बाहर निकलने का इंतजार किया ताकि मदरसे को किसी प्रकार का नुकसान ना पहुंचे। आतंकी ने सुबह बाहर आते ही घेराबंदी देखकर जवानों पर गोलीबारी करते हुए भागने की कोशिश की। लेकिन सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया। मुठभेड़ स्थल से एक एके-74, 4 मैगजीन सहित आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया। पुलिस ने अनुसार मारे गए आतंकवादी की पहचान कामरान भाई उर्फ अनीस के रूप में हुई, जो जैश से संबंधित पाकिस्तानी आतंकी था।
मदरसे में रस्सी से बंधे मिले दो बच्चे
सैन्य प्रवक्ता के अनुसार मदरसे की तलाशी के दौरान 11 वर्ष की आयु के दो छोटे बच्चे मिले, पाकिस्तानी आतंकी ह्यूमन शील्ड के रूप में इस्तेमाल करने के लिए रस्सी से खंभों से बांध दिया था। एडीजीपी—कश्मीर विजय कुमार ने पुलिस और सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम को बिना किसी नुकसान के सफल ऑपरेशन के लिए बधाई दी। ऑपरेशन को बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि फिदायीन हमलों के संभावित खतरे और अन्य हमलों को उसके खात्मे से विफल कर दिया गया है। पुलिस मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच कर रही है।
8 महीने से सक्रिय था आतंकी
पुलिस के अनुसार मारा गया आतंकवादी सुरक्षा बलों पर हमले और नागरिकों को निशाना बनाए जाने से संबंधित कई घटनाओं में शामिल था। एसएसपी शोपियां तनुश्री के अनुसार मारा गया आतंकी करीब 8 महीने से सक्रिय था।
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