खटीमा टनकपुर धारचूला लीपुपास चीन सीमा तक बने एनएच से बरेली से नया एनएच जुड़ने जा रहा है, यूपी बरेली से उत्तराखंड के सितारगंज तक 70 किमी को बनाए जाने की टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है।
भारत माला कॉरिडर प्रोजेक्ट के तहत सितारगंज और बरेली के बीच एनएच के लिए 250 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो गया है, अभी इस एनएच को 45 से 50 फुट चौड़ा बनाया जा रहा है। पीलीभीत जिले के 29और बरेली जिले के 22 गांवों के किसानों की जमीन इस एनएच में ले गई है।
इस एनएच के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी दी थी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए नितिन गडकरी से विशेष आग्रह किया था। करीब 2500 करोड़ के इस एनएच के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है, इस राष्ट्रीय राज मार्ग का निर्माण 2023 से शुरू करके 2025 तक पूरा किया जाना है, 70 किमी लंबे इस मार्ग की दूरी एक घंटे में पूरी हो जायेगी।
अभी तक बरेली से किच्छा आने तक का हाई-वे यूपी सरकार का है, सितारगंज से बरेली एनएच बन जाने के बाद बरेली से लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग से इसे जोड़ दिया जाएगा, वहीं उत्तराखंड में इसे एनएच 74 से जोड़ दिया जाएगा। सितारगंज में उत्तराखंड का औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल है इस एनएच के बन जाने से उद्योगों से माल ढुलाई को भी आसानी हो जायेगी, साथ ही सितारगंज के मरनोला मझोला हाई-वे के इससे जुड़ जाने से काठगोदाम से बरेली तक एक नए एनएच का यात्रा आंनद भी वाहन चालक अगले दो सालो में उठा सकेंगे।
एनएच के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमित चित्रांशी ने बताया कि सितारगंज बरेली एनएच प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है अब इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। हम समय से इस पर काम को शुरू करके पूरा करेंगे।
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