झारखंड में आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय के छापों से बौखलाए सत्तारूढ़ कांग्रेस और झामुमो के नेता भाजपा के कार्यकर्ताओं को मारने की दे रहे हैं धमकी।
झारखंड में पिछले कुछ महीनों से प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग के छापों ने सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं और नौकरशाहों की नींद उड़ा दी है। इस छापेमारी में प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को करोड़ों रुपए नगद और अरबों रुपए की संपत्ति प्राप्त भी हुई है। कुछ दिन पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी प्रवर्तन निदेशालय की ओर से समन भेजा गया था। इसी बौखलाहट में मुख्यमंत्री से लेकर सत्ताधारी दल के नेता सरकारी एजेंसियों को अपने निशाने पर ले रहे हैं, तो कभी भाजपा कार्यकर्ताओं को पटक—पटक कर मारने और उनकी टांग तोड़ देने की बात कर रहे हैं।
आय से अधिक संपत्ति मामले में अपनी विधायकी गंवाने वाले झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने राजभवन के सामने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा नेता जहां भी मिलें उन्हें पटक-पटक कर मारो। सिर्फ इतना ही नहीं, बंधु तिर्की ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस पर भी निशाना साधा। बंधु तिर्की के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक और मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भी अपने कार्यकर्ताओं से भाजपा कार्यकर्ताओं की टांग तोड़ने की बात कही।
हालाँकि कांग्रेस और झामुमो की अनर्गल बयानबाजी के बाद भाजपा ने भी पलटवार किया है। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कहा कि वे अपने आपको झारखंड का मालिक न समझें, लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। झारखंड में हिंसा और धमकी के सहारे भ्रष्टाचार पर पर्दा नहीं डाला जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा कार्यकर्ता धमकियों से नहीं डरते हैं।
मुख्यमंत्री जी आप स्वयं को झारखंड का "मालिक" न समझे।
लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन कभी आप भाजपा कार्यकर्ताओं को सबक सिखाने की धमकी देते हैं, कभी आपके ही सहयोगी पार्टी कांग्रेस के नेता @BJP4Jharkhand के कार्यकर्ताओं को पटक पटक कर मारने की धमकी देते हैं।— Babulal Marandi (@yourBabulal) November 7, 2022
चाहे बंधु तिर्की हों या मिथिलेश ठाकुर, ये लोग छापेमारी से परेशान हैं। बता दें कि बीते 4 नवंबर से 6 नवंबर तक आयकर विभाग ने कांग्रेस के दो नेताओं और उनके सहयोगियों सहित लगभग 50 ठिकानों पर छापेमारी की है। आयकर विभाग के अनुसार इस छापेमारी में तलाशी के दौरान दो करोड़ रुपए से अधिक अघोषित नकदी जब्त की गई, 16 बैंक लॉकरों पर रोक लगाई गई और 100 करोड़ रुपए से अधिक अघोषित संपत्ति मिली है और बेहिसाब लेनदेन का भी पता चला है। आयकर विभाग के अनुसार यह छापेमारी कोयला व्यापार, परिवहन, लौह खनन से जुड़े व्यापारिक समूहों के यहां की गई थी। इसके तहत झारखंड के रांची, गोड्डा, बेरमो, दुमका, जमशेदपुर, चाईबासा, पटना, गुरुग्राम, कोलकाता स्थित 50 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की गई। विभाग ने बताया कि जांच के दौरान अचल संपत्ति में निवेश के स्रोत की पूरी जानकारी नहीं आ पाई है। इसके साथ ही लौह अयस्क और कोयला व्यापार जुड़े हिसाब—किताब में भी काफी गड़बड़ियां पाई जा रही हैं।
इस पूरे मामले में तकरीबन 100 करोड़ की अघोषित संपत्ति में मनी लांड्रिंग के संकेत मिले हैं। सूत्रों से यह भी पता चला है कि प्रवर्तन निदेशालय भी इतने बड़े पैमाने पर पैसों के हेरफेर के मामले में हस्तक्षेप कर सकता है। यानी मामला एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय के पास भी जा सकता है।
आयकर विभाग की छापेमारी सुर्खियों में इसलिए भी थी, क्योंकि इस छापेमारी में कांग्रेस के दो विधायक अनूप सिंह और प्रदीप यादव का नाम मुख्य रूप से आया। इन दोनों विधायकों के कई सहयोगियों के परिसरों में भी छापेमारी की गई। छापेमारी में सबसे अधिक पैसे इन्हीं दो विधायकों के सहयोगियों के यहां से प्राप्त हुए हैं।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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