चीन एक बार फिर ताइवान को लेकर गुस्से से भर गया है। ब्रिटेन के व्यापार मंत्री ताइवान दौरे पर क्या गए चीन की रग—रग फड़कने लगी है। ब्रिटेन के व्यापार मंत्री के दो दिन के ताइवान दौरे पर चीन ने खुलकर नाराजगी जताई है। चीन ने वही पुराना राग अलापा है कि ब्रिटेन ऐसा करके ‘वन चाइना पॉलिसी’ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से मुकरने जैसा बर्ताव दिखाया है।
दरअसल ब्रिटेन के व्यापार राज्य मंत्री ग्रेग हैंड्स सोमवार यानी कल दो दिन के ताइवान दौरे पर गए हैं। वे वहां द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के बारे में चर्चा करने गए हैं। कल ही चीन ने उनके इस दौरे को लेकर कड़ा वक्तव्य जारी किया है। बीजिंग ने कहा कि ब्रिटेन ऐसा करके ‘वन चाइना पॉलिसी’ को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं से मुंह फेर रहा है। हालांकि कल ही ब्रिटेन के व्यापार राज्य मंत्री की व्यापारिक चर्चाएं शुरू हुई हैं। यह यात्रा राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कारण, यह पहली बार है जब कोई उच्च-स्तर का ब्रिटिश अधिकारी की ताइवान गया है।
विस्तारवादी कम्युनिस्ट चीन ताइवान को अपना इलाका मानता है, जबकि वहां लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार बढ़िया राज चला रही है। वहां की सरकार स्वाभिमानी है जो चीन के लिए ज्यादा परेशानी की बात है। दमदार सरकार के शासन में ताइवान से किसी भी देश के साथ आधिकारिक संबंध या बातचीत का हमेशा हामी रहा है, जिसका बीजिंग कड़ा विरोध करता है क्योंकि वह ‘उसका इलाका’ है। किसी भी अन्य देश की सरकार अगर ताइवान के साथ कैसा भी व्यवहार रखती है जो चीन इस चीज को ताइवान को एक स्वतंत्र देश मानने की बात के समर्थन के तौर पर देखता है।
ब्रिटिश व्यापार राज्य मंत्री हैंड्स ताइवान के दौरे के दौरान ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन तथा 25वें वार्षिक ब्रिटेन-ताइवान व्यापार वार्ता के सह संयोजक से चर्चा करने वाले हैं। ब्रिटेन के व्यापार विभाग ने बयान जारी करके कहा है कि यह साफतौर पर ताइवान के साथ कारोबार करने की ब्रिटिश प्रतिबद्धता दर्शाता है। बयान आगे कहता है कि ब्रिटेन का ताइवान से औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है लेकिन दोनों देशों के मध्य नजदीकी आर्थिक और अनौपचारिक संबंध हैं।
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