फ्रांस में कैथोलिक चर्च में यौनाचार की करतूतें लगातार सामने आती जा रही हैं और वेटिकन के पास सिवाय उन पर अफसोस जताने के कोई चारा नहीं बचा है। एक के बाद एक ऐसी घटनाएं सामने आती गई हैं कि पोप जगह-जगह माफियां मांगने को मजबूर हो रहे हैं। अभी पिछले साल चर्च की ही एक कमेटी ने एक आंकड़ा सामने रखा था कि बीते 70 वर्ष में 3,30,000 छोटे बच्चों का यौन उत्पीड़न किया है।
अब चौंकाने वाला ताजा समाचार यह है कि चर्च की ही एक समिति ने कल कहा है कि 11 पूर्व अथवा वर्तमान बिशपों को यौन शोषण का दोषी पाया गया है। इनमें से ही एक पूर्व बिशप और आज कार्डिनल जीन-पियरे रिकार्ड आरोपित चर्च अधिकारियों में शामिल हैं। उन्होंने स्वीकार किया है कि बहुत साल पहले उन्होंने एक छोटी बच्ची के साथ यौन दुर्व्यवहार किया था। इतना ही नहीं,
कार्डिनल रिकार्ड का यौन दुर्व्यवहार स्वीकार करने वाला वह बयान दक्षिण-पश्चिमी फ़्रांस के एक कस्बे लूर्डेस में फ्रांसीसी बिशपों की एक कांफ्रेंस में पढ़कर सुनाया भी गया।
फ्रांस की बिशप कांफ्रेंस के प्रमुख आर्चबिशप एरिक डी मौलिन्स-ब्यूफोर्ट का कहना है कि यौनाचार में लिप्त रहे बिशपों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की प्रक्रिया पर आगे जाएगी। ब्यूफोर्ट ने पत्रकारों को बताया कि कार्डिनल जीन—पियरे की सार्वजनिक स्वीकारोक्ति वाले वक्तव्य से बिशप हैरान हैं।
कार्डिनल पियरे ने स्वीकार किया है कि कई वर्ष हुए जब उन्होंने एक 14 साल की लड़की के साथ दुर्व्यवहार किया था। उन्होंने स्वीकार किया कि “पैंतीस साल पहले, जब मैं एक पेरिश पादरी था, तब 14 साल की एक लड़की के साथ निंदनीय व्यवहार किया था।” कार्डिनल ने आगे कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनके व्यवहार की वजह से उस लड़की पर गंभीर और दीर्घकालिक नतीजे हुए।”
उल्लेखनीय है कि कार्डिनल जीन-पियरे रिकार्ड 2001 से 2019 तक बोर्दिओ डायोसिस के बिशप थे। उन्होंने कहा कि वह अपने हाथ की जिम्मेदारियों को किनारे रखते हुए चर्च और इसके विधिक अधिकारियों के सामने प्रस्तुत रहेंगे। 78 वर्ष के कार्डिनल आज सेवानिवृत्त हैं।
द टेलिग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस के कैथोलिक चर्च में यौन दुर्व्यवहार की जांच कर रहे एक स्वतंत्र आयोग ने कहा है कि गत वर्ष यह बात सामने आई कि पिछले कई साल से चर्च में हजारों पीडोफाइल यानी बाल यौन शोषक विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं। जैसा पहले बताया, गत 70 साल में फ्रांस में चर्च पादरियों द्वारा लगभग 3,30,000 बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार का खुलासा हो ही चुका है। साल 2020 में हुई एक जांच में पाया गया था कि इंग्लैंड और वेल्स में कैथोलिक चर्च कथित यौन अपराधियों का बचाव करता रहा और बच्चों का यौन शोषण रोकने में विफल रहा।
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