सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच का 3-2 के बहुमत से फैसला, ईडब्ल्यूएस आरक्षण वैध
May 25, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच का 3-2 के बहुमत से फैसला, ईडब्ल्यूएस आरक्षण वैध

जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण को वैध करार दिया, जबकि चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस रविंद्र भट्ट ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण से असहमति जताई।

by WEB DESK
Nov 7, 2022, 12:32 pm IST
in दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने 3-2 के बहुमत से ईडब्ल्यूएस आरक्षण को वैध करार दिया है। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण को वैध करार दिया, जबकि चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस रविंद्र भट्ट ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण से असहमति जताई।

तीनों जजों ने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान की मूल भावना का उल्लंघन नहीं करता है। तीनों जजों ने संविधान के 103वें संशोधन को वैध करार दिया है। बेंच के सदस्य जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि आरक्षण अनिश्चित काल के लिए नहीं बरकरार रखा जा सकता है। वहीं, जस्टिस बेला त्रिवेदी ने कहा कि आरक्षण की नीति की दोबारा पड़ताल करने की जरूरत है। जस्टिस एस रविंद्र भट्ट ने बहुमत के फैसले से असहमति जताते हुए कहा कि ईडब्ल्यूएस कोटे से एससी, एसटी और ओबीसी को बाहर करना ठीक नहीं है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से तत्कालीन अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि 50 फीसदी आरक्षण की सीमा बालाजी के फैसले के बाद आई जिसमें कोर्ट ने ये कहा था कि सामान्य वर्ग के लोगों का अधिकार खत्म न हो। उन्होंने कहा था कि राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के मुताबिक ये सरकार की जिम्मेदारी है कि बराबरी कायम रहे और उसी की वजह से ईडब्ल्यूएस लाया गया। अटार्नी जनरल ने कहा था कि 50 फीसदी आरक्षण में कोई छेड़छाड़ नहीं है। एससी, एसटी और ओबीसी के लिए कुछ नहीं बदला है और वे लाभप्रद स्थिति में रहेंगे। ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी आरक्षण ओबीसी, एससी और एसटी के आरक्षण से स्वतंत्र है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट बार-बार कह चुका है कि संसद आर्थिक आधार पर आरक्षण पर विचार करे। 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को मौलिक ढांचा की सीमा नहीं समझना चाहिए। संविधान संशोधन की पड़ताल तभी की जानी चाहिए अगर लगता है कि इससे संविधान की मूल भावना का उल्लंघन किया गया है। मेहता ने कहा था कि संसद राष्ट्र की भावना का प्रतिनिधित्व करती है। अगर संसद संविधान में कोई प्रावधान जोड़ती है तो उसकी वैधता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है।

ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों की ओर से वरिष्ठ वकील विभा दत्त मखीजा ने कहा था कि अब ईडब्ल्यूएस उम्मीदवार पात्र हो गए हैं।
उन्होंने कहा था कि ये मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है। हमें संविधान के बदलाव को देखना होगा। समय के हिसाब से समाज आगे बढ़ा है, जैसे धारा 377 और ट्रांसजेंडर्स के अधिकार इत्यादि। उन्होंने कहा था कि ईडब्ल्यूएस का अधिकार संविधान की धारा 21 से मिलता है और गरीबी एक मुख्य कारक है। तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि इस बात का कोई अध्ययन नहीं है कि जिन परिवारों को आरक्षण नहीं मिला है वे पीढ़ी दर पीढ़ी गरीब रहे हैं। जो चीज अस्थायी है उसे स्थायी नहीं कहा जा सकता है। एससी परिवार में जन्म लेना एक कलंक की बात होती है जो पीढ़ियों तक चलती है। तब मखीजा ने कहा था कि जाति आधारित आरक्षण का आधार ही ये है कि गरीबी सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन की वजह से है। तब जस्टिस भट्ट ने कहा था कि नहीं, ये जानबूझकर नहीं दिया जाता है। तब मखीजा ने पूछा कि क्या संविधान केवल जाति के आधार पर ही आरक्षण देता है। हमें नहीं लगता कि संविधान के रचनाकारों ने ऐसा सोचा होगा।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि ये बराबरी के संवैधानिक मूल्य का उल्लंघन करता है और संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण की कभी चर्चा नहीं की गई है। वहीं ईडब्ल्यूएस के समर्थन में दलील देने वालों के मुताबिक ये आरक्षण काफी समय से अपेक्षित था और इसका स्वागत किया जाना चाहिए।

Topics: ईडब्ल्यूएसईडब्ल्यूएस आरक्षण वैधEWS ReservationEWSEWS Reservation ValidSupreme Courtसुप्रीम कोर्टईडब्ल्यूएस आरक्षण
Share31TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

सुप्रीम कोर्ट

ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स को लेकर SC ने केंद्र सरकार काे जारी किया नाेटिस

केरल यूनिवर्सिटी बिल पर बवाल : शिक्षकों की अभिव्यक्ति पर रोक..?

सुप्रीम कोर्ट

जज बनने के लिए तीन वर्ष की वकालत जरूरी, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट

वक्फ संशोधन अधिनियम-2025: सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल के तर्क, वक्फ को बताया अल्लाह का दान

सुप्रीम कोर्ट

‘भारत कोई धर्मशाला नहीं’ सुप्रीम कोर्ट का फैसला और केंद्र की गाइड लाइन

Voice president jagdeep dhankarh

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश बरामदगी मामले में एफआईआर न होने पर उठाए सवाल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

यूनुस और शेख हसीना

शेख हसीना ने यूनुस के शासन को कहा आतंकियों का राज तो बीएनपी ने कहा “छात्र नेताओं को कैबिनेट से हटाया जाए”

Benefits of fennel water

क्या होता है अगर आप रोज सौंफ का पानी पीते हैं?

Acharya Premananda Ji Maharaj

आचार्य प्रेमानंद जी महाराज से जानिए भगवान को कैसे प्रसन्न करें?

India Exposes Pakistan

‘पाकिस्तान के आतंकी हमलों में 20,000 भारतीयों की हुई मौत’, UNSC में भारत ने गिनाए पड़ोसी के ‘पाप’

ghar wapsi

घर वापसी: सुंदरगढ़ में 14 आदिवासियों की घर वापसी, मिशनरियों के प्रलोभन से बने थे ईसाई

India has becomes fourth largest economy

जापान को पीछे छोड़ भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, 4.18 ट्रिलियन डॉलर का आकार

PM Narendra Modi Varanasi visit

‘ऑपरेशन सिंदूर हमारे संकल्प, हमारे साहस और बदलते भारत की तस्वीर है’, मन की बात में बोले PM मोदी

CM साय का आत्मनिर्भर बस्तर विजन, 75 लाख करोड़ की इकोनॉमी का लक्ष्य, बताया क्या है ‘3T मॉडल’

dr muhammad yunus

बांग्लादेश: मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में काउंसिल ने कहा-‘सुधार जरूरी!’, भड़काने वाले लोग विदेशी साजिशकर्ता

Defence deal among Israel And NIBE

रक्षा क्षेत्र में भारत की छलांग: NIB लिमिटेड को मिला इजरायल से ₹150 करोड़ का यूनिवर्सल रॉकेट लॉन्चर ऑर्डर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies