पाकिस्तान सिखों से हमदर्दी के नाम पर एक तरफ तो खालिस्तानी आतंकवाद को प्रोत्साहन दे रहा है, और सिख आतंकियों को अपने यहां शरण दिए हुए है, तो दूसरी ओर भारत से गए सिख श्रद्धालुओं से दुर्रव्यवहार किया जा रहा है। गुरुद्वारा पंजा साहिब गए सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान में भूखे-प्यासे सड़क पर बैठकर समय बिताना पड़ा, जत्थे के ही एक सदस्य शिंगारा सिंह ने वीडियो बनाकर सामने आ रही परेशानियों का संदेश भारत में भेजा है। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान व प्रवक्ता की तरफ से भी इस मुद्दे को उठाया गया है।
शिंगारा सिंह की तरफ से बनाए गए वीडियो में भारत से पाकिस्तान गया जत्था सड़क किनारे बैठा है। वीडियो में शिंगारा सिंह बता रहे हैं, कि जत्थे के सदस्य सुबह 5 बजे से निकले हैं, और रात के तकरीबन 8:30 बज चुके हैं। श्रद्धालु भूख-प्यास से बेहाल हैं। इनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। उनके लिए यहां बस तक का इंतजाम नहीं है। जिसके चलते उन्हें सड़क किनारे बैठने पर मजबूर होना पड़ रहा है। शिंगारा सिंह ने यह वीडियो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सदस्यों व प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी तक पहुंचाने की मांग की है। उन्होंने आह्वान किया है, कि अगर इस तरह के इंतजाम करने हैं, तो जत्थे को भेजने का कोई फायदा ही नहीं है।
शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल व वक्ता दलजीत चीमा ने भी अपने ट्वीटर अकाउंट से इस मामले पर ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से अपील की है, कि पाकिस्तान में परेशान हो रहे जत्थे की दिक्कतों को दूर करवाया जाए।
मालूम हो कि पाकिस्तान ने इस साल 3 हजार भारतीयों को पाकिस्तान का वीजा गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में दिया है। एसजीपीसी को तकरीबन 3 हजार श्रद्धालुओं ने पासपोर्ट दिए थे, लेकिन संख्या सीमित होने के कारण 1496 पासपोर्ट वीजा के लिए भेजे गए। जिनमें से सिर्फ 910 का ही वीजा पाकिस्तान सरकार ने अप्रूव किया था। जिसके बाद 910 श्रद्धालुओं का जत्था रविवार सुबह ही पाकिस्तान के लिए रवाना किया गया। पाकिस्तान की इस हरकत को लेकर भारतीयों में काफी नाराजगी है।
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