कर्नाटक के मैसूर में पूर्व IB अधिकारी आरएन कुलकर्णी की मौत मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। उनके मौत की वजह हादसा नहीं, बल्कि वाहन से टक्कर मारकर उनकी हत्या की गई थी। दरअसल आरएन कुलकर्णी 4 नवंबर 2022 की शाम मैसूर यूनिवर्सिटी के कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के पास टहलने निकले थे, उसी दौरान एक गाड़ी ने उनको टक्कर मार दी थी। घटना के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
वारदात के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए थे। इस मामले में पहले पुलिस ने हिट एंड रन का केस दर्ज किया था, लेकिन जब सीसीटीवी फुटेज देखा तो सच्चाई सामने आ गई। उसके बाद पुलिस ने हत्या का मामला भी दर्ज किया। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि हादसे के वक्त आरएन कुलकर्णी सड़क किनारे खड़े थे। कार चालक ने जानबूझकर उनको टक्कर मारी थी। उस कार में कोई नंबर प्लेट भी नहीं थी।
इस मामले में मैसूर के सिटी पुलिस कमिश्नर डॉक्टर चन्द्रगुप्त का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इसके लिए तीन वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है। उन्होंने कहा कि आरएन कुलकर्णी ने 35 साल IB में सेवा दी थी। हादसे के वक्त से काफी साल पहले रिटायर हो गए थे। वारदात की वजह उनकी व्यक्तिगत दुश्मनी है या उनके प्रोफेशनल जीवन से कुछ जुड़ा हुआ है, अभी इसका पता नहीं चल पाया है।
आरएन कुलकर्णी ने जिहाद की पोल खोलते हुए ‘फैक्ट ऑफ टेररिज्म इन इंडिया’ समेत तीन किताबें लिखी थी, जिन्हें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लॉन्च किया था। आरएन कुलकर्णी RAW के साथ भी काम किया था।
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