उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और हरियाणा समेत छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने चार सीटें जीती हैं। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने अंधेरी पूर्व सीट पर जीत बरकरार रखी है। बिहार में मोकामा सीट पर राजद और ओडिशा की धामनगर सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। तेलंगाना की मुनुगोडे सीट पर टीआरएस उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। टीआरएस को भाजपा से कड़ी टक्कर मिली।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा, ओडिशा और तेलंगाना की कुल सात सीटों पर उपचुनाव के लिए तीन नवंबर को वोटिंग हुई थी, जिसकी मतगणना रविवार को हुई। बिहार में दो सीटों पर और अन्य पांच राज्यों में एक-एक सीट पर उपचुनाव हुए। महाराष्ट्र की अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम अजीब रहा। यहां शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के उम्मीदवार के बाद नोटा को सबसे अधिक मत मिले।
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड शाम 07.45 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार की गोपालगंज सीट पर भाजपा उम्मीदवार कुसुम देवी ने राजद के मोहन गुप्ता को 1789 मतों से हराया। भाजपा उम्मीदवार कुसुम देवी को 70,032 और मोहन प्रसाद गुप्ता को 68,243 मत मिले। इस सीट पर तीसरे स्थान पर एआईएमआईएम के अब्दुल सलाम रहे। उनको कुल 12,212 मत मिले। बिहार की मोकामा सीट पर राजद उम्मीदवार एवं बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने भाजपा उम्मीदवार सोनम देवी को 17,007 मतों से हराया। नीलम देवी को 79,946 और सोनम देवी को 62,939 मत मिले। वहीं, उत्तर प्रदेश की लखीमपुर जिले की गोला गोकर्णनाथ सीट पर भाजपा उम्मीदवार अमन गिरि विजयी हुए हैं। अमन गिरि ने सपा के विनय तिवारी को 34,298 मतों से हराया। अमन गिरि को एक लाख 24 हजार 810 और सपा के विनय तिवारी को 90 हजार 512 मत मिले।
हरियाणा की आदमपुर सीट से भाजपा के युवा चेहरा भव्य बिश्नोई ने कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश को 15,714 मतों से हराया। आदमपुर सीट पर भाजपा उम्मीदवार भव्य विश्नोई को 67,376 और कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश को 51,662 मत मिले। इस सीट पर इनेलो तीसरे और आम आदमी पार्टी (आप) चौथे स्थान पर रही। इनेलो उम्मीदवार कुर्दा राम नंबरदार को 5,241 और आप उम्मीदवार सतिंदर सिंह को 3,413 मत मिले। उपचुनाव में 22 उम्मीदवार मैदान में थे। भाजपा की जीत के बाद केवल कांग्रेस उम्मीदवार ही अपनी जमानत बचा पाए जबकि अन्य 20 की जमानत जब्त हो गई।
महाराष्ट्र की अंधेरी पूर्व सीट पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की उम्मीदवार ऋतुजा रमेश लटके ने जीत दर्ज की है। ऋतुजा लटके को 66,247 वोट मिले, जबकि नोटा के पक्ष में 12,776 मत पड़े। नोटा दूसरे नंबर पर रहा। वहीं, तेलंगाना की मुनुगोडे सीट पर टीआरएस उम्मीदवार को इस बार भाजपा से कड़ी टक्कर मिली है। मतगणना में सत्तारूढ़ टीआरएस उम्मीदवार ने चौथी राउंड से अपनी बढ़त कायम रखी। मतगणना के 15 चरण पूरे होने के बाद उम्मीदवार प्रभाकर रेड्डी को 96,598 मत मिले और भाजपा उम्मीदवार कोमेटरेड्डी राजगोपाल रेड्डी को 86,485 मत मिले। कांग्रेस उम्मीदवार पलवई श्राबंती को 23,864 मत मिले। इस प्रकार टीआरएस उम्मीदवार ने भाजपा उम्मीदवार को 10,113 मतों से हरा दिया।
ओडिशा की धामनगर विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार सूर्यवंशी सूरज ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजद उम्मीदवार अवंती दास को 9,802 मतों से हराया। भाजपा उम्मीदवार को 80,090 और बीजद उम्मीदवार को 70,288 मत मिले। निर्दलीय उम्मीदवार राजेन्द्र दास को 8,122 और कांग्रेस उम्मीदवार बाबा हरेकृष्ण सेठी को 3,533 मत मिले हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की गोला गोकर्णनाथ सीट भाजपा विधायक अरविंद गिरि के निधन के कारण रिक्त हुई थी। इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस और बसपा ने हिस्सा नहीं लिया। ओडिशा की धामनगर सीट भाजपा विधायक बिष्णु चरण सेठी के निधन के कारण रिक्त हुई थी। भाजपा ने सेठी के बेटे सूर्यवंशी सूरज को उम्मीदवार बनाया था। तेलंगाना की मुनुगोडे सीट पर भाजपा और सत्तारूढ़ टीआरएस ने आक्रामक प्रचार किया। इस सीट पर कांग्रेस विधायक ने इस्तीफा देकर भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा। वहीं, हरियाणा में भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई के कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के कारण आदमपुर सीट पर उपचुनाव हुआ। आदमपुर सीट पर वर्ष 1968 से भजनलाल परिवार का कब्जा है। बिहार की मोकामा सीट पर इसके पहले भाजपा-नीत राजग का कब्जा था, जबकि गोपालगंज सीट राजद के पास थी। मोकामा सीट से भाजपा पहली बार चुनाव मैदान में थी, क्योंकि इसके पहले पार्टी ने यह सीट अपने सहयोगियों को दे दी थी। वहीं, महाराष्ट्र में अंधेरी पूर्व सीट पर भाजपा और शिवसेना शिंदे गुट ने उम्मीदवार नहीं उतारा था। कांग्रेस और राकांपा ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना के उम्मीदवार का समर्थन किया था। जिन सात सीटों पर उपचुनाव हुए उस पर इसके पहले दो-दो सीटों पर भाजपा एवं कांग्रेस का कब्जा था। वहीं, बीजद, राजद और शिवसेना का एक-एक सीट पर कब्जा था।
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