पश्चिम बंगाल में गोतस्करी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। एक तरीके से कहें तो गोतस्करों के लिए यह सुरक्षित कॉरिडोर बना हुआ है। ताजी घटना बीरभूम की है, जहां पुलिस ने 28 गायों को झारखंड से बीरभूम तस्करी करते हुए जब्त किया है। मामले में छह तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इस दौरान पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन पिकअप वैन भी सीज की हैं। गौरतलब है कि गायों को तीन पिकअप वैन में भरकर मुर्शिदाबाद ले जाया जा रहा था। इसी समय झारखंड-नलहाटी मार्ग पर सोनारकुंड गांव के पास पुलिस ने गायों से भरी गाड़ियों को जब्त कर लिया। पुलिस ने जब छानबीन की तो तस्करों के पास गायों से जुड़े कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
गोतस्करी पर नहीं लग पा रही लगाम
राज्य में गाय और गोतस्करों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन इसके बावजूद तस्करी जारी है। राज्य के जानकार मानते हैं कि इन मामलों में स्थानीय पुलिस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। लेकिन ज्यादातर घटनाओं में देखा जाता है कि तस्कर और पुलिस की मिलीभगत होती है या फिर किसी नेता का दबाव होता है। इस सबके चलते गोतस्करी जारी रहती है।
ओडिशा से बंगाल लाई जा रही गायें जब्त
एक अन्य घटना में राज्य में प्रवेश करने से पहले ओडिशा पुलिस ने गायों से भरी एक गाड़ी को जब्त कर लिया। खबर है कि जलेश्वर थाना पुलिस ने ओडिशा से राज्य में प्रवेश करने से पहले सीमावर्ती क्षेत्र से गायों से भरी 7 गाड़ियां जब्त की हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। बता दें कि तस्करों ने पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तक एक कॉरिडोर बना दिया है, जिससे गायों की तस्करी बांग्लादेश की जाती है। उल्लेखनीय है कि राज्य में गोतस्करी को लेकर केंद्रीय एजेंसियों ने काफी सख्ती बरती है। टीएमसी के नेता अनुव्रत मंडल इसी मामले में सीबीआई और ईडी के निशाने पर हैं। तो दूसरी ओर बीएसएफ के कई अधिकारियों पर भी गाज गिरी थी। यही नहीं अनुव्रत मंडल की बेटी बेटी सुकन्या मंडल से भी ईडी ने दिल्ली में तीन बार पूछताछ की है। इन सभी पर गोतस्करी के जरिए अवैध रूप से धन अर्जित करने का आरोप है।
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