नेताओं और अफसरों के भ्रष्टाचार तथा कंगाली की वजह से तेजी से गर्त में जा रहे पाकिस्तान में आज स्थितियां काबू से बाहर जाती प्रतीत हो रही हैं। वहां कब क्या हो जाए, इसका ठीक ठीक अंदाजा लगाना बड़े बड़े विश्लेषकों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर सब ऐसे ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं, जब फौज एक बार फिर कमान अपने हाथ में लेकर मार्शल लॉ लगा देगी और नेताओं को नजरबंद कर देगी या फिर रक्तरंजित गृहयुद्ध छिड़ जाएगा।
लॉन्ग मार्च के दौरान वजीराबाद में पैर में कथित चार गोलियां लगने के बाद कल सार्वजनिक संबोधन के लिए कैमरे पर आए इमरान खान देखने से ‘सेहतमंद’ लग रहे थे, लेकिन जैसी उम्मीद थी, उन्होंने सत्ता और सत्ता अधिष्ठान पर जमकर लानतें भेजीं।
इमरान खान ने खुद पर हुए ‘जानलेवा हमले’ को सुनियोजित बताते हुए उसके पीछे देश के शीर्ष नेताओं और फौजी अफसरों पर सीधा आरोप लगाया। इमरान ने कहा कि उन्हें पता चल चुका था कि बंद कमरों में उन्हें मारने की साजिश रची जा रही थी। खान ने यह संबोधन शौकत खानम अस्पताल के अंदर से अपने समर्थकों और मीडिया के लिए दिया था।
‘घायल’ पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने पर हुए जानलेवा हमले का आरोप प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह तथा मेजर जनरल फैजल नसीर पर लगाया। उन्होंने कहा कि इन तीन लोगों ने उन पर ये सब करवाया है। फैजल वही फौजी अफसर हैं जिनके पास आईएसआई की जिम्मेदारी है और जिनका इमरान से पहले का छत्तीस का आंकड़ा है।
इमरान ने आगे कहा कि उनके पास पहले ही सूचना थी कि उन पर वजीराबाद या इस्लामाबाद में जानलेवा हमला करवाया जाएगा। उन्होंने उक्त तीनों पर आरोप दोहराते हुए तीनों को उनके पदों से हटाए जाने की मांग की। उल्लेखनीय है कि हमले के बाद इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने साफ कहा है कि उसका लॉन्ग मार्च अब रुकेगा नहीं और तय दिन से पहले इस्लामाबाद पहुंचने की कोशिश की जाएगी।
इधर इमरान अपना वक्तव्य जारी कर रहे थे तो उधर, इस्लामबाद, रावजपिंडी, पेशावर, डेरा गाजी खान, लाहौर से लेकर लंदन तक पीटीआई समर्थक पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध सड़क पर उतरे हुए थे। सेना के दफ्तरों, उपकरणों, गाड़ियों और अफसरों के सरकारी घरों तक पर गुस्सा निकाल रहे थे। इमरान खान की पार्टी के लोग सेना विरोधी नारे लगा रहे थे क्योंकि वे भी मानते हैं कि फौज ने ही इमरान पर हमला करवाया है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में सर्वशक्तिमान मानी जाने वाली फौज की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने इमरान के इन आरोपों का खंडन करते हुए एक वक्तव्य जारी किया है। इसमें इमरान के आरोपों के संदर्भ में लिखा गया है कि पीटीआई के चेयरमैन के आरोप संविधान के विरुद्ध हैं। विशेष रूप से सेना के अफसरों पर लगाए गए आरोप बर्दाश्त के बाहर हैं। बयान में आगे लिखा गया है कि इमरान का अफसरों के विरुद्ध बेबुनियाद आरोप लगाना अफसोसजनक हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। किसी को यह हक नहीं है कि वह संविधान और इसकी हिफाजत करने वाले फौजियों को बदनाम करे। इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है।
इतना ही नहीं, आईएसआई ने पाकिस्तान की शरीफ सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच करवाई जाए। फौज को बदनाम करने की कोशिश करने वालों और बेबुनियाद आरोप लगाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
फिलहाल पूर्व प्रधानमंत्री खतरे से बाहर हैं, परन्तु जैसा पहले बताया पाकिस्तान में राजनीतिक संकट उबाल मारता दिखाई दे रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान में फौज के विरुद्ध इस तरह का गुस्सा पहले कभी दिखाई नहीं दिया है। इसलिए ऐसे में इस बात के आसार बहुत ज्यादा हो गए हैं कि फौज के अफसर अपने विरुद्ध उठ रही आवाज को घोंटने के लिए देश में मार्शल लॉ लगा दें, जिसका मतलब है, सरकार को भंग करके पाकिस्तान की कमान अपने हाथ में लेना।
आने वाले दो दिन पाकिस्तान के भविष्य में एक बड़ा मोड़ लाने वाले हो सकते हैं। विश्व वहां के हालात पर बारीक नजर रखे है। प्रधानमंत्री शरीफ कल ही चीन से लौटे हैं, वे इस मौके पर क्या कदम उठाएंगे या उठा भी पाएंगे कि नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। क्योंकि, जैसी खबर मिली है, फौज के अफसरों में सरगर्मी बढ़ गई है। संभवत: वर्तमान परिस्थितियों से निपटने का कोई ‘सख्त’ खाका तैयार हो रहा है।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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