दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपित ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है। एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने ये फैसला सुनाया।
कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया। 19 फरवरी को कोर्ट ने इस मामले के सह आरोपित अमित गुप्ता को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी। पांच मार्च को कोर्ट ने इस मामले के आरोपित ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 29 सितंबर, 2021 को ईडी ने अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह बनाने की अर्जी का शर्तों के साथ समर्थन किया था।
अमित गुप्ता की ओर से वकील ने कहा था कि अमित गुप्ता ने इस मामले के मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मदद की है लेकिन इसका न तो उसे कोई लाभ हुआ है और न ही उसने कोई सहयोग किया है। उन्होंने कहा था कि अमित गुप्ता को अगर सरकारी गवाह बनाया जाता है तो उसके बयानों से इस मामले के दूसरे आरोपितों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को आरोपित किया है। 16 अक्टूबर, 2020 को ईडी के असिस्टेंड डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने चार्जशीट दाखिल की थी। ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत धारा 3 के तहत आरोपित बनाया है। चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया है।
ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई। ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की। दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को फर्जी कंपनी के जरिये नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया।
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