कानपुर विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रो.विनय पाठक के खिलाफ लखनऊ पुलिस में दर्ज एक रिपोर्ट के बाद एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है। प्रोफेसर पाठक पर आगरा के भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति रहने के दौरान भ्रष्टाचार करने का आरोप है।
एसटीएफ ने आगरा के अंबेडकर विवि परिसर में आकर संस्कृति भवन और अन्य कार्यालयों में जाकर जांच पड़ताल की और कुछ दस्तावेजों को अपने कब्जे में लिया। एसटीएफ के एसपी राकेश कुमार के नेतृत्व में आई जांच टीम ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से भी पूछताछ की और भवनों की वीडियो ग्राफी फोटोग्राफी भी की।
जानकारी के मुताबिक एसटीएफ द्वारा प्रोफेसर विनय पाठक के कार्यकाल में शिक्षा केन्द्रों को मान्यता देने, नियुक्तियों में धांधली और अन्य आरोपों की जांच की जा रही है। पुलिस के एक अन्य टीम प्रोफेसर पाठक की संपत्ति की भी जांच कर रही है। प्रोफेसर पाठक के एक करीबी अजय मिश्रा और अन्य दस के खिलाफ मामला दर्ज है।
जानकारी के मुताबिक प्रोफेसर पाठक ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट से अग्रिम जमानत ली है, जबकि अजय मिश्रा और अन्य की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। एसटीएफ ने आगरा के हरी पर्वत थाने की पुलिस को भी अपने सहयोग के लिए साथ लिया हुआ है।
प्रोफेसर विनय पाठक उत्तराखंड, राजस्थान, यूपी में जहां-जहां भी विश्वविद्यालयों में रहे उनके कार्यकाल हमेशा चर्चा में रहे। खास तौर पर उनके अधीनस्थ अधिकारी किसी न किसी मामले में लिप्त रहे, जो कि मीडिया में सुर्खियां बटोरते रहे हैं।
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