झारखंड में नाबालिग लड़कियों के साथ अत्याचार की खबरें अब आम होती जा रही हैं। इस बार ऐसा ही मामला सिमडेगा में सामने आया है।
गत 31 अक्तूबर को सिमडेगा के बानो प्रखंड की पबुड़ा पंचायत के चाटूगोड़ा निवासी राधेश्याम सिंह की 16 वर्षीया नाबालिग बेटी की मौत हो गई। परिवार वालों का आरोप है कि चांद अंसारी नाम के युवक ने पहले उनकी पुत्री का अपहरण किया, उसके बाद बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी।
क्या है पूरा मामला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार 31 अक्तूबर को नाबालिग युवती अपने मामा जगदीप सिंह के घर चटक टोली जाने के लिए निकली थी, लेकिन वह मामा के घर नहीं पहुंच पाई। उसी दिन शाम 7 बजे युवती के परिजनों को एक अनजान नंबर से फोन आया और बताया गया कि युवती की दुर्घटना हो गई है और उसे अस्पताल ले जाया जा रहा है। सूचना पाकर युवती के परिजन कोलेबिरा के सरकारी अस्पताल पहुंचे। युवती गंभीर रूप से घायल थी। इसलिए उसे सिमडेगा के सदर अस्पताल में भेज दिया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। इसी बीच अस्पताल वालों ने जानकारी दी कि युवती को चांद अंसारी और कुछ अन्य युवकों ने घायल अवस्था में भर्ती कराया था, लेकिन जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो चांद अंसारी सहित सभी युवक भाग खड़े हुए। इसके बाद युवती के परिजनों ने आरोप लगाया कि चांद अंसारी ने युवती का अपहरण कर उसका दुष्कर्म किया और हत्या की नीयत से उसके साथ मारपीट की गई, जिसमें उसकी मौत हो गई। यानी परिजनों के अनुसार यह मामला हत्या और बलात्कार का बताया जा रहा है। अब युवती के परिजन आरोपी चांद अंसारी के लिए फांसी की मांग कर रहे हैं। इस मामले को लेकर युवती के परिजन और आसपास के ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग 143 और बानो चौक की सड़क को पूरी तरह से जाम कर दिया और प्रशासन से पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग करने लगे। तोरपा से भाजपा विधायक कोचे मुंडा 2 नवंबर को पीड़ित परिवार से मिलने उनके गांव पहुंचे। वहां उन्होंने कहा कि जब तक पीड़ित परिवार को उचित न्याय नहीं मिलेगा तब तक आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करने की घोषणा भी की है।
पुलिस के अनुसार चांद अंसारी फरार है और उसकी तलाश जारी है। इस घटना पर हिंदू जागरण मंच के प्रदेश परावर्तन प्रमुख संजय वर्मा ने कहा है कि झारखंड अब हिंदू बहू—बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं रहा है। हर दिन हिंदू बहू—बेटियों के साथ अत्याचार और दुर्व्यवहार की खबरें आती रहती हैं। ऐसा लग रहा है कि झारखंड में अब हिंदुओं की पुकार सुनने वाला कोई नहीं है।
संजय वर्मा की बात में दम भी दिख रहा है। उल्लेखनीय है कि कुछ ही महीनों में झारखंड में कई हिंदू लड़कियों को मारा गया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इन हत्याकांडों के आरोपियों में 98 प्रतिशत मुसलमान हैं। इनमें दुमका की अंकिता सिंह की हत्या का मामला बहुत चर्चित हुआ था। शाहरुख और नईम ने अंकिता को जलाकर मार दिया था। अब अंकिता के पिता संजय सिंह और इस कांड से जुड़े गवाहों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे मुकदमा वापस ले लें। इसमें कई मुस्लिम संगठन और अपने को सेकुलर कहने वाले लोग शामिल हैं। ये लोग शाहरुख और नईम को छुड़ाने के लिए कई प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं। अन्य हत्याकांडों के गवाहों को भी धमकाया जा रहा है। लोगों का मानना है कि यह सब प्रशासन की शह पर हो रहा है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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