यूक्रेन पर अपने हमले को लेकर रूस कहीं किसी तरह की ढिलाई देता नहीं दिख रहा है। रूस के आक्रामक रवैए का ताजा उदाहरण है विकिपीडिया पर लगा जुर्माना। रूस की एक अदालत ने यूक्रेन युद्ध पर दो ‘आपत्तिजनक’ लेख छापने को लेकर इस पोर्टल पर भारी जुर्माना लगा दिया है। रूस की ओर से पहले विकिपीडिया को दोनों लेख अपनी साइट से हटाने को कहा गया था लेकिन विकिपीडिया ने ऐसा नहीं किया, जिसके बाद उस पर यह कड़ा कदम उठाया गया है।
उल्लेखनीय है कि यूक्रेन में चल रही रूसी जंग को लेकर विकिपीडिया पर की गई ये कड़ी कार्रवाई रूस के राष्ट्रपति पुतिन के उस वक्तव्य की पुष्टि ही करती है जिसमें उन्होंने यूक्रेन और उसके ‘समर्थकों’ को सबक सिखाने की बात की थी।
एक रूसी अदालत ने कल विकिपीडिया की कंपनी ‘विकिमीडिया फाउंडेशन’ पर जो यह सख्त जुर्माना लगाया है उसके बारे में रूस में इस कंपनी के अध्यक्ष स्टानिस्लाव कोज़लोवस्की ने वक्तव्य दिया है। उन्होंने कहा है कि रूस ने यूक्रेन युद्ध पर आधारित जिन लेखों को हटाने की मांग की थी, उन्हें कंपनी ने नहीं हटाया। इससे नाराज होकर ही उन पर ये जुर्माना लगा है। स्टानिस्लाव के अनुसार, कंपनी रूस की इस कार्रवाई के विरुद्ध अपील दायर करेगी।
विकिपीडिया द्वारा प्रकाशित इन लेखों के शीर्षक थे, क्रमश: ‘रूस के हमले के मध्य यूक्रेन की नागरिक आबादी द्वारा अहिंसक प्रतिरोध’ और ‘2022 के रूस के यूक्रेन पर आक्रमण का आकलन’। उल्लेखनीय है कि गत अप्रैल माह में रूस की संचार नियामक संस्था ने विकिपीडिया को यूक्रेन के हालात पर प्रकाशित उसके लेख से गलत जानकारी हटाने को कहा था। रूस की ओर से यह आरोप लगाया गया था कि विकिपीडिया ने रूस की सेना की कार्रवाई तथा यूक्रेन में रूस की विशेष कार्रवाई को लेकर गलत जानकारी दी गई है। रूस का कानून कहता है कि अगर उसकी संचार नियामक संस्था किसी गलत जानकारी को हटाने के लिए कहती है, लेकिन उसे प्रकाशित करने वाला अगर ऐसा नहीं करता तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
इधर ताजा समाचार के अनुसार, रूस के यूक्रेन पर हमले लगातार जारी हैं। यूक्रेन के कीव, खारकीव तथा अन्य प्रमुख शहरों के महत्वपूर्ण ठिकानों पर रूसी बमबारी जारी है। यूक्रेन के अधिकारियों के अनुसार, रूस के उन हमलों की वजह से यूक्रेन के कई शहरों में पानी और बिजली की सप्लाई में बाधा पहुंच रही है।
गौर करने की बात है कि रूस को यूक्रेन पर हमला बोले करीब 9 महीने हो चुके हैं। हमलावर रूस ने यूक्रेन के बिजलीघरों और अन्य मुख्य बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया है। उसने हमले थामने की बजाय और तेज ही किए हैं। रूस की इस कार्रवाई से यूक्रेन के कई हिस्सों में न बिजली है, न पानी। आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। इधर रूसी मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा है कि जिन लक्ष्यों को लेकर हमले बोले गए थे वे हासिल कर लिए गए हैं। हमने सभी तय लक्ष्यों को भेदा है। जबकि दूसरी तरफ, यूक्रेन की सेना का वक्तव्य है कि उसने रूस के हजारों सैनिकों को नेस्तोनाबूद कर दिया है।
इस युद्ध के बीच रूस द्वारा समुद्र के रास्ते अनाज की ढुलाई को लेकर किए गए करार को तोड़ दिया गया है। इससे दुनिया भर में खाद्य संकट का खतरा पैदा हो गया है। लेकिन खबर यह भी है कि रूस की धमकी के बाद भी परसों यानी सोमवार को यूक्रेन के बंदरगाहों से अनाजों से लदे 12 जहाज रवाना किए गए हैं। यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस का कहना है कि रूसी मिसाइलों और ड्रोन ने यूक्रेन के दस इलाकों पर मार की और 18 बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचाया है। इनमें से ज्यादातर ऊर्जा संयंत्र हैं। इसीलिए यूक्रेन के कई हिस्से बिजली ने होने से अंधेरे में डूबे हैं और आम जन भी घरों को छोड़कर भूमिगत बंकरों में रहने के लिए मजबूर हैं।
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