ईरान में हिजाब का विरोध करना शाहिदी को पड़ा भारी, फोर्स ने पीट पीटकर की हत्या

शेफ महरशाद शाहिदी के पिता ने कहा- हमारे बेटे ने सिर पर चोट आने के कारण अपनी जिंदगी खो दी। लेकिन हम पर दबाव बनाया गया कि वो हार्ट अटैक से मरा है

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WEB DESK

ईरान में 80 से ज्यादा शहरों में हिजाब के विरुद्ध महिलाओं के सड़क पर उतरने के बाद यह आग अन्य मुस्लिम देशों और दुनिया के विभिन्न देशों में फैल गई है। हिजाब के विरोध में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ग्रीस, स्वीडन, आस्ट्रिया, फ्रांस, इटली, स्पेन, जर्मनी, इराक, लेबनान और तुर्की में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं।

वहीं अब इसी वजह से रेवोल्यूशनरी गार्ड फोर्स द्वारा एक सेलेब्रिटी शेफ महरशाद शाहिदी की हत्या का मामला प्रकाश में आया है। खबरों के मुताबिक उन्हें कुछ दिन पहले हिजाब के विरुद्ध किए जा रहे प्रदर्शन में शामिल होने पर गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद उन्हें पीट-पीट कर मार डाला। बता दें कि शाहिदी की हत्या उनकी 20वें जन्मदिन से एक दिन पहले हुई।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रेवोल्यूशनरी गार्ड फोर्स ने शाहिदी को एक प्रदर्शन में शामिल होने पर पकड़ा था जिसके बाद गया और फिर उनके ऊपर ताबड़तोड़ लाठियाँ चलाई गईं। जिससे उसके सर में चोट लग गई और यही उसकी मौत का करण बना। वहीं परिवार का कहना है कि उन पर ये कहने के लिए दबाव बनाया गया कि उनका लड़का हार्ट अटैक से मरा है। ईरानी टीवी पर दिए इंटरव्यू में महरशाद के परिजन ने कहा, “हमारे बेटे ने सिर पर चोट आने के कारण अपनी जिंदगी खो दी। लेकिन हम पर दबाव बनाया गया कि वो हार्ट अटैक से मरा है।”

शाहिदी ईरान में बहुत मशहूर शेफ थे। उन्हें ईरान का जेमी ओलिवर कहा जाता था। शाहिदी की हत्या के बाद से लोग और आक्रोशित हो गए है जिसके बाद काफी तादात में लोग सड़कों पर उतार आए और शाहिदी की अंतिम यात्रा में शामिल हो कर अपना रोष जताया।

बता दें कि इससे पहले भी ईरान में हिजाब का विरोध करने पर जिनकी जान गई, उनमें महसा अमीनी के अलावा 20 वर्षीय हदीस नजफी है, जिसे छह गोलियां मारी गईं। दूसरी युवती पर्वतारोही गजाले चेलावी है, जिसकी उम्र 32 वर्ष थी। और तीसरा नाम है 23 वर्षीया हनने किया का, तथा चौथा नाम है महासा मोगोई, जिसकी उम्र मात्र 18 वर्ष थी।

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