ब्रिटेन में एक सिख सैनिक की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसमें सिख सैनिकों के युद्ध में योगदान और बलिदान को याद करते हुए स्थानीय विक्टोरिया पार्क में एक सिख सैनिक की प्रतिमा अनावृत की गई। इस मौके पर ब्रिटेन में बसे भारतीय समुदाय के गणमान्यजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
कार्यक्रम में सिख सैनिक युद्ध स्मारक समिति के अध्यक्ष अजमेर सिंह बसरा विशेष रूप से सम्मिलित हुए थे। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने उन सभी बहादुरों पर गर्व है जिन्होंने युद्ध में वीरता दिखाई और बलिदान तक दिया। इसी का सम्मान करते हुए यहां यह स्मारक बनाया गया है। यहां एक सिख सैनिक की प्रतिमा लगाई गई है जिसके लिए हम सबको गर्व की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि वे सिख सैनिक एक ऐसे देश के लिए लड़ने के लिए हजारों मील तक आए थे, जो उनका अपना नहीं था।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के दुनिया भर में चले संघर्षों में सिख सैनिकों ने असाधारण शौर्य का प्रदर्शन किया था, जिसे आज भी ब्रिटेन के लोग भूले नहीं हैं। उन्हीं सिख सैनिकों की याद में ब्रिटेन के लीसेस्टर शहर में डी मोंटफोर्ट हॉल में कल यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। यह प्रतिमा कांसे से बनी है और इसे ग्रेनाइट के चबूतरे पर लगाया गया है। यह प्रतिमा मूर्तिकार तरनजीत सिंह की बनाई हुई है। इसके लिए सिख समुदाय परिषद और अनेक सिख संगठनों ने राशि एकत्र की थी।
सिख सैनिक युद्ध स्मारक समिति के अनुसार, यह स्मारक ब्रिटेन में पहले से मौजूद युद्ध स्मारकों की ही कड़ी में शामिल हुआ है। यह एक तथ्य है कि प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटिश भारतीय सेना में 20 फीसदी से ज्यादा सिख सैनिक ही थे। सिख सैनिक युद्ध स्मारक समिति के अध्यक्ष अजमेर सिंह बसरा ने अपने वक्तव्य में आगे कहा कि यह स्मारक उन सिखों की यादों बसा रहेगा जो लीसेस्टर शहर को अपना घर बनाकर यहीं बस चुके हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित लीसेस्टर सिटी काउंसिल के सदस्य पियारा सिंह क्लेयर का कहना था कि लीसेस्टर की तरक्की में दसियों साल से सिख समुदाय अपना योगदान देता आ रहा है। उन्होंने यहां एक सिख स्मारक बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। दरअसल इस प्रतिमा की संकल्पना पार्षद रहे स्वर्गीय कुलदीप सिंह भट्टी की थी। इस विक्टोरिया पार्क में पहले से कई अन्य स्मारक बने हुए हैं, उनमें से एक यह प्रतिमा सिख सैनिकों को एक सच्ची श्रद्धांजलि की तरह है। अनावरण समारोह रविवार को डी मोंटफोर्ट हॉल में हुआ और इसमें सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।
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