शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक समिति के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी और अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह साका पंजा साहिब में शताब्दी समारोह मनाने के लिए पाकिस्तान गए हुए हैं और दूसरी ओर कट्टरपंथी खालिस्तानी नेता अमृतपाल ने आज स्वर्ण मंदिर में अमृतसंचार कार्यक्रम किया।
वह शनिवार की रात को अपने हथियारबंद साथियों के साथ दरबार साहिब पहुंचा था। इस अमृत संचार में वारिस पंजाब दे का कथित जत्थेदार अमृतपाल सिंह भी सिख श्रद्धालुओं को लेकर पहुंचा है। अमृतपाल सिंह शनिवार देर रात ही समर्थकों के साथ गोल्डन टेंपल पहुंच गया था जिनमें कुछ समर्थक हथियारों के साथ उसके साथ-साथ चले। स्वर्ण मंदिर पहुंचे अमृतपाल सिंह ने शनिवार श्री अकाल तख्त साहिब के नीचे एकत्रित लोगों को संबोधित भी किया।
अमृतपाल सिंह का इतने अधिक श्रद्धालुओं के साथ गोल्डन टेंपल पहुंचना और संबोधन करना, उस समय था, जब श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी का भारत से बाहर पाकिस्तान में हैं कई तरह के प्रश्न व संदेह पैदा करता है।
मंदिर परिसर के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए अमृतपाल सिंह ने खुलकर खालिस्तान का समर्थन किया। उसने गुरपतवंत सिंह पन्नू का भी समर्थन करते हुए कहा कि वह उस हर इंसान के साथ हैं, जो खालिस्तान का समर्थन करता है। इतना ही नहीं पन्नू को भारत सरकार द्वारा आतंकी घोषित किए जाने भी जवाब देते हुए कहा कि सरकारें किसी को भी आतंकी और किसी को भी साधु घोषित कर देती हैं।
काबिलेजिक्र है कि वारिस पंजाब दे वह संगठन है जिसका गठन कथित किसान आन्दोलन के बाद दीप सिद्धू ने किया था। सिद्धू लाल किला हिंसा का मुख्य आरोपी था जिसकी बाद में सडक़ दुर्घटना में मौत हो गई। उसकी मौत के बाद विगत दिनों ही दुबई से आए अमृतपाल ने वारिस पंजाब दे संगठन की कमान संभाली और आजकल वह युवाओं के दिमागों में कट्टरपंथ का जहर घोल कर देश के खिलाफ भडक़ाने का काम कर रहा है।
टिप्पणियाँ