बर्फीली पहाड़ियों पर 'जमने' को तैयार भारतीय सैनिक
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बर्फीली पहाड़ियों पर ‘जमने’ को तैयार भारतीय सैनिक

- माइनस 50 डिग्री तापमान में देश के प्रति फर्ज निभाएंगे देश के वीर जवान

by WEB DESK
Oct 30, 2022, 05:45 pm IST
in भारत, रक्षा
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लद्दाख सीमा पर चीनी सेना से मोर्चे के लिए भारतीय सेनाओं की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। वायुसेना के परिवहन विमानों से सैनिकों की जरूरत का सामान लेह-लद्दाख पहुंचा दिया गया है। आने वाले दिनों में बर्फबारी से रास्ते बंद होने से पहले भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक लेह-लद्दाख पहुंच चुके हैं। हालांकि इससे पहले ठंड के दिनों में सड़कों को छह महीने के लिए बंद कर दिया जाता था लेकिन अब इस अवधि को घटाकर 120 दिन कर दिया गया है।

सैनिकों के लिए सामानों का स्टॉक करने में लगे सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भारत एलएसी पर लम्बी तैनाती नहीं चाहता लेकिन अब ऐसी स्थिति बन रही है तो हम भी उसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। आने वाले दिनों में बर्फबारी और भीषण ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए सेना ने पर्याप्त मात्रा में आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक कर लिया है। चीन सीमा की अग्रिम चौकियों तक जरूरी हथियार, राशन और साजो-सामान पहुंचाने के लिए वायुसेना के परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर और अमेरिकी हेलीकॉप्टर चिनूक को लगाया गया है। सी-17 ग्लोब मास्टर से सर्दियों के कपड़े, टेंट, हीटिंग उपकरण और राशन लेह-लद्दाख लाया गया है।

भारतीय सेना के लोकेशन पर भेजे गए टेंट माइनस 50 डिग्री तक तापमान को झेलने की क्षमता रखते हैं। भारतीय सेना के राशन गोदाम एलएसी माउंट पर भरे हुए हैं। लेह में सेना का ईंधन डिपो तेल टैंकर लाइन से भरा हुआ है। सेना ने राशन, गरम कपड़े, उच्च ऊंचाई वाले टेंट और ईंधन का भी बड़े पैमाने पर स्टॉक कर लिया है। फ्रंटलाइन पर तैनात हर जवान को अत्याधुनिक शीतकालीन कपड़े और तंबू दिए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों को स्पेशल राशन दिया जाता है। दरअसल अत्यधिक ऊंचाई पर तैनात सैनिकों को ज्यादा भूख नहीं लगती लेकिन उन्हें सही पोषण और जरूरी कैलोरी देने के लिए हर दिन 72 आइटम दिए जाते हैं, जिसमें से वह अपनी पसंद की चीज चुन सकते हैं।

सेना के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भारत के पास ऐसे स्ट्रैटजिक एयरलिफ्ट प्लेटफॉर्म हैं, जिससे सड़क मार्ग कटने पर भी भारतीय सेना और एयरफोर्स मिलकर एक-डेढ़ घंटे के भीतर ही दिल्ली से लद्दाख और अग्रिम चौकियों तक जरूरी सामान पहुंचाया जा सकता है। भारतीय सैनिकों को शून्य तापमान और बर्फबारी के बीच भी देश की हिफाजत के लिए डटे रहने की आदत है। कारगिल में 18 हजार फीट ऊंची बर्फ की चोटियों से पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने का अनुभव रखने वाली भारतीय सेना के लिए लद्दाख की खून जमा देने वाली बर्फीली पहाड़ियां कोई मायने नहीं रखतीं। इसलिए सेना ने ठंड के दिनोंं में भी चीनियों से मोर्चा संभालने के इरादे से खुद को तैयार कर लिया है।

Topics: रक्षा समाचारLeh-Ladakh borderNational Newsराष्ट्रीय समाचारdefense newsमाइनस 50 डिग्री में ड्यूटीमाइनस 50 डिग्री में सैनिकमाइनस तापमान में भारतीय सैनिकलेह-लद्दाख सीमाDuty in minus 50 degreeSoldier in minus 50 degreeIndian soldier in minus temperature
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