श्रीनगर गढ़वाल : आस्था, विश्वास के आराध्य कमलेश्वर महादेव के मंदिर में आगामी 6 नवंबर को बैकुंठ चतुर्दर्शी के दिन खड़ा दिया अनुष्ठान होगा। जिसको लेकर इस साल भी निसंतान दंपत्ति अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। इस अनुष्ठान के लिए 119 दंपत्तियों ने मंदिर पुजारी के समक्ष अपना पंजीकरण करवाया है।
ऐसा माना जाता है, कि इस दिन की पूजा से निसंतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति होती है, और इसके लिए उन्हें चौबीस घंटे जलता दीया हाथ में लेकर खड़े होकर तप करना होता है, और भगवान शिव की आराधना करनी होती है।
6 नवंबर को शाम 4.18 बजे से अगले दिन यानी 7 नवंबर तक मंदिर के महंत आशुतोष गिरि जी महाराज के नेतृत्व में यह तप कार्य पूर्ण कराया जाएगा।
इस विशेष कठिन तप अनुष्ठान की तैयारियां शुरू हो गईं हैं। विश्वास और आस्था के प्रतीक इस धार्मिक अनुष्ठान की सदियों पुरानी मान्यता मानी जाती है।
देश के दूर-दूर इलाकों से भी संतान की अभिलाषा लिए, यहां दंपत्ति आते हैं, और जिनकी मनोकामना पूर्ण होते हुए, यहां देखा गया है।
कमलेश्वर महादेव मंदिर में बैकुंठ चतुर्दशी पर सदियों से खड़ा दिया अनुष्ठान की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि बैकुंठ चतुर्दशी की रात जो भी दंपती हाथ में दीया जलाकर खड़े रहकर भगवान शिव की अराधना करते हैं, उन्हें संतान की प्राप्ति होती है।
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