पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर जोधपुर का आसमान इन दिनों भारत और फ़्रांस की वायु सेनाओं के लड़ाकू विमानों से गूंज रहा है। जोधपुर वायु सेना स्टेशन पर दोनों देशों के बीच चल रहे द्विपक्षीय हवाई अभ्यास ‘गरुड़ VIl’ में फ्रांसीसी वायु सेना 220 कर्मियों की टुकड़ी के साथ हिस्सा ले रही है। भारतीय वायु सेना के फाइटर जेट फ़्रांस से आये चार राफेल लड़ाकू विमानों के साथ हवा में एक-दूसरे से युद्ध करने की तकनीक सीख रहे हैं।
भारतीय वायु सेना और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल (एफएएसएफ) के बीच द्विपक्षीय हवाई अभ्यास ‘गरुड़ VIl’ 26 अक्टूबर को शुरू हुआ था, जो 12 नवंबर तक चलेगा। इस अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए फ्रांसीसी वायु सेना अपने चार राफेल लड़ाकू विमान, एक ए-330 मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट विमान और 220 कर्मियों की एक टुकड़ी के साथ भारत आई है। भारत भी सुखोई-30 एमकेआई, राफेल, एलसीए तेजस और जगुआर लड़ाकू विमानों, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के साथ भाग ले रहा है।
भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट, हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (अवाक्स) और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम भी इस लड़ाकू अभ्यास का हिस्सा हैं। यह संयुक्त अभ्यास दोनों देशों को सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के साथ-साथ परिचालन क्षमता और अंतःक्रियाशीलता बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। यह द्विपक्षीय अभ्यास का सातवां संस्करण है। पहला, तीसरा और पांचवां संस्करण भारतीय वायु सेना के स्टेशनों में क्रमशः 2003, 2006 और 2014 में ग्वालियर, कलाईकुंडा और जोधपुर में आयोजित किया गया था। दूसरा, चौथा और छठा संस्करण फ्रांस में 2005, 2010 और 2019 में हुआ था।
इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना और एफएएसएफ की भागीदारी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के अलावा पेशेवर बातचीत, अनुभवों के आदान-प्रदान और परिचालन को बढ़ावा देगी। यह अभ्यास एयर डिफेंस और जमीनी हमले के अभियानों में फ्रांसीसी और भारतीय चालक दल के अंतर-स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। हर दो साल में एक बार भारत और फ्रांस की वायु सेनाओं के साथ गरुड़, नौसेनाओं के साथ वरुण और सेनाओं के साथ शक्ति प्रशिक्षण अभ्यास होते हैं।
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