भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफेस यानी यूपीआई का डंका अब राष्ट्रमंडल के देशों में जोर-शोर से बज रहा है। इस बात की पुष्टि होती है खुद राष्ट्रमंडल की महासचिव के बयान से जिन्होंने इसे एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम बताया है।
इसमें संदेह नहीं है कि यूपीआई एक रियल-टाइम भुगतान तंत्र है जो अंतरबैंक पी-टू-पी यानी पीयर-टू-पीयर कैशलैस लेन—देन की सुविधा देता है। मोबाइल के जरिए किए जाने वाले इस भुगतान के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं देना पड़ता। राष्ट्रमंडल के सदस्य स्कॉटलैंड का कहना है कि इस तकनीक ने हमें कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ ले जाने में खास भूमिका निभाई है।
पिछले दिनों राष्ट्रमंडल की बैठक में एकीकृत भुगतान इंटरफेस के प्रस्ताव को लेकर भारत की खुलकर तारीफ की गई। भारत की तरफ से गत 12 अक्तूबर को राष्ट्रमंडल बैेंक आफ गवर्नर्स की बैठक में यूपीआई का प्रस्ताव पेश किया गया था। तब इस संगठन की महासचिव पैट्रीशिया स्कॉटलैंड ने इसे एक बड़ा बदलाव लाने वाला कदम बताते हुए भारत के प्रस्ताव को हाथोंहाथ लिया था। उन्होंने भारत की तारीफ की थी कि उसने यूपीआई तकनीक सबके साथ साझा करने की इच्छा जताई है।
यूपीआई के संदर्भ में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान कारपोरेशन के आंकड़े बताते हैं कि गत सितम्बर महीने में ही इस तकनीक के जरिए देश में 11 लाख करोड़ रु. का लेनदेन दर्ज किया गया था। पैट्रीशिया ने बताया की भारत द्वारा अपनी तकनीक दूसरों के साथ साझा करने की चाह इसे अन्य देशों से अलग एक महत्वपूर्ण स्थान पर रखती है।
राष्ट्रमंडल की महासचिव के अनुसार, भारत का यह कदम सराहनीय है कि वह इस तकनीक को दूसरे देशों के साथ साझा करना चाहता है। राष्ट्रमंडल यानी 56 देशों के संगठन की महासचिव ने अपने संबोधन में भारत की इस खुली सोच और उदारता का स्वागत करते हुए कहा कि भारत ने यूपीआई के जरिए भुगतान के विकल्पों को लेकर विभिन्न देशों को एक रास्ता दिखाया है। पैट्रीशिया ने कहा कि भारत ने न सिर्फ यह तकनीक विकसित की है, बल्कि जनता के हित में इसे दूसरों के साथ साझा करने की इच्छा भी जताई है। यह शायद एक बड़े बदलाव वाला कदम रहा है, भारत को इसमें एक सुनहरा भविष्य दिखा है।
संभवत: राष्ट्रमंडल देशों के कानून मंत्रियों की मॉरीशस में होने वाली आगामी बैठक में भारत की इस भुगतान तकनीक को सबके सामने रखा जाएगा। पैट्रीशिया की मानें तो राष्ट्रमंडल के विभिन्न देश डिजिटल तरीके से भुगतान की व्यवस्था को अपने यहां काम में लेने को लेकर उत्साहित हैं, क्योंकि सब जानते हैं कि भारत ने अपने यहां लाखों गरीबों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। विशेष रूप से गरीब महिलाओं को इससे बहुत फायदा हुआ है। कारण यही है कि सरकार भुगतान की इसी प्रणाली से सीधे उन्हें पैसा पहुंचा रही है।
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