आम जन की समस्याओं को दूर करने के लिए वैश्विक कोविड महामारी के बावजूद जयराम सरकार ने पहली बार सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं और छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई ऐतिहासिक फैसले लिए।
एक अतिनिर्धन परिवार का बेटा जयराम ठाकुर जब 27 दिसंबर 2017 को लगातार पांचवीं बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचा, तो उसकी सरकार ने चार वर्षों में ही जन कल्याण और विकास का वह कार्य कर दिखाया, जिसकी कांग्रेस सरकारें कभी कल्पना भी नहीं कर सकीं।
बेहद गरीबी में पले बढ़े जयराम ठाकुर के पिता राजमिस्त्री थे। इसीलिए जयराम उन दिक्कतों को भली भांति समझते हैं, जो आम जनता को ही नहीं, उसके सबसे निचले वर्ग के लोगों को भी रोजाना झेलनी पड़ती है।
आम जन की समस्याओं को दूर करने के लिए वैश्विक कोविड महामारी के बावजूद जयराम सरकार ने पहली बार सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं और छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई ऐतिहासिक फैसले लिए। इसकी शुरूआत जयराम ठाकुर सरकार की पहली कैबिनेट बैठक से हुई। पहली कैबिनेट बैठक बुजुर्गों को समर्पित करते हुए पेंशन के लिए आयु सीमा 80 से घटाकर 70 वर्ष करने के साथ ही आय और आयु सर्टिफिकेट की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई। ताकि बुजुर्गों को ये सर्टिफिकेट बनवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर ना काटने पड़ें।
इसके बाद हिमाचल के इतिहास में पहली बार 65 की उम्र से महिलाओं को बिना आय सीमा के पेंशन दी जाने लगी। अब हिमाचल में पहली बार 60 से ऊपर की हर महिला और पुरुष बुजुर्ग को बिना आय सीमा के पेंशन दी जाएगी। सभी तरह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर जहां पिछली सरकार करीब 436 करोड़ रुपये खर्च करती थी आज जयराम ठाकुर सरकार उस पर 1300 करोड़ से ज्यादा का बजट खर्च कर रही है।
हर गरीब परिवार की बेटी की शादी पर 31,000 रुपये का शगुन जयराम ठाकुर सरकार की ओर से दिया जा रहा है। अब तक 3 हजार 603 बेटियों की शादी पर सरकार 11 करोड़ से ज्यादा का शगुन दे चुकी है। इसके साथ ही जयराम ठाकुर सरकार ने पहले से चली आ रही कन्यादान योजना की राशि को 31 हजार रुपये से बढ़ाकर 51,000 रुपये किया।
आपका इलाज, हमारी जिम्मेदारी
लोगों को अपने इलाज के लिए कर्ज न लेना पड़े, इसके लिए हिमाचल के इतिहास में पहली बार डबल इंजन सरकार ने लोगों के मुफ्त इलाज के लिए योजनाएं चलाईं। केंद्र की आयुष्मान भारत और हिमाचल की हिमकेयर योजना के अंतर्गत 372 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर हिमाचल के 3 लाख 66 हजार से ज्यादा मरीजों का मुफ्त उपचार किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री बन रहे सहारा
इसी तरह हिमाचल में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के इलाज के लिए पहली बार सहारा योजना की शुरूआत की गई। ये वे मरीज हैं जो अपने जीवनयापन के लिए पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर हैं। इनके बारे में पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने कभी ध्यान नहीं दिया। आज जयराम ठाकुर सरकार के कार्यकाल में 18 हजार से ज्यादा जरूरतमंदों को 3 हजार रुपये हर महीने दिए जा रहे हैं। इस पर अभी तक 60 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम खर्च की जा चुकी है।
बेटियों की शादी पर पहली बार शगुन
हिमाचल में पहली बार हर गरीब परिवार की बेटी की शादी पर 31,000 रुपये का शगुन जयराम ठाकुर सरकार की ओर से दिया जा रहा है। अब तक 3 हजार 603 बेटियों की शादी पर सरकार 11 करोड़ से ज्यादा का शगुन दे चुकी है। इसके साथ ही जयराम ठाकुर सरकार ने पहले से चली आ रही कन्यादान योजना की राशि को 31 हजार रुपये से बढ़ाकर 51,000 रुपये किया।
पहली बार मंत्री पहुंचे लोगों के द्वार
हिमाचल के लोगों की समस्याएं घर-द्वार पर सुलझाने के लिए पहली बार जनमंच की शुरूआत हुई। 232 जनमंचों के माध्यम से मंत्रियों और अधिकारियों ने ग्रामीणों की 50 हजार से ज्यादा समस्याओं और मांगों का समाधान किया।
देश भर में गृहिणियों को मुफ्त घरेलू गैस कनेक्शन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से उज्ज्वला योजना की शुरूआत की गई। इसी तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना चलाई गई। दोनों योजाओं के तहत डबल इंजन सरकार ने 4 लाख 62 हजार से ज्यादा लाभार्थी परिवारों तक निशुल्क घरेलू गैस कनेक्शन दिए, जिस पर करीब 154 करोड़ रुपये खर्च हुए।
पहली बार एक फोन कॉल पर हल हो रही शिकायत
मुश्किल भौगोलिक परिस्थिति वाले हिमाचल में लोगों को दफ्तरों तक अपनी समस्याएं दर्ज करवाने न आना पड़े, इसके लिए पहली बार योजना शुरू की गई। आज मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 1100 का लाभ उठाते हुए 3 लाख 23 हजार से ज्यादा लोग अपनी शिकायतों का निवारण करवा चुके हैं। ऐसी योजना के चलते ही पहली बार हिमाचल में लोगों के समय और पैसे की बचत हो रही है। साथ ही वो अपनी शिकायतें एक फोन कॉल पर घर बैठे दर्ज करवा पा रहे हैं।
स्वरोजगार से आत्मनिर्भरता की ओर हिमाचल
हिमाचल के युवाओं आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहली बार स्वावलंबन योजना शुरू की गई। आज युवा सरकार की इस योजना का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बनने के साथ ही दूसरों को भी रोजगार देने में सक्षम हो रहे हैं। स्वावलंबन के तहत 3 हजार 365 यूनिट कार्य कर रही हैं, जिनके लिए सरकार की ओर से 167 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई।
चूल्हा धुआं मुक्त हुआ हिमाचल का हर परिवार
पहली बार देश और प्रदेश में गृहिणियों को चूल्हे के धुएं से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से निजात दिलाने के लिए योजना शुरू की गई। देश भर में गृहिणियों को मुफ्त घरेलू गैस कनेक्शन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से उज्ज्वला योजना की शुरूआत की गई। इसी तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना चलाई गई। दोनों योजाओं के तहत डबल इंजन सरकार ने 4 लाख 62 हजार से ज्यादा लाभार्थी परिवारों तक निशुल्क घरेलू गैस कनेक्शन दिए, जिस पर करीब 154 करोड़ रुपये खर्च हुए।
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