कोजी स्वीट्स हाउस ‘कराची हलवा’ दो महीने तक खराब नहीं होता है।
‘कोजी स्वीट्स हाउस’ बिहार के प्रमुख मिठाई की दुकानों में से एक है। इसकी स्थापना 1973 में कृष्ण चंद्र दास ने की थी। इसमें उनके छोटे भाइयों हरनाम मनकानी और अशोक मनकानी ने भी मदद की। उनकी उम्र अभी 80 वर्ष से अधिक है, फिर भी सक्रिय हैं। शाम को दो घंटे वे दुकान संभालते हैं। वैसे पूरा कारोबार इनके बच्चे संभालते हैं।
कारोबार शुरू करने से पहले कृष्ण चंद्र दास ने देशभर की मिठाइयों को चखा। खासतौर से कोलकाता की एक-एक मिठाई का स्वाद लिया और उसे पटना में बनाकर बेचना शुरू किया। कोजी स्वीट्स हाउस शुद्धता और विविध प्रकार की मिठाइयों के लिए प्रसिद्ध है। सामान्य दिनों में यहां रोजाना 200 से 300 लीटर दूध की खपत होती है।
विशेष अवसरों पर हजार लीटर तक दूध की खपत हो जाती है। अनुमानत: वर्ष भर में एक आउटलेट से लगभग 4-5 करोड़ रुपये की मिठाइयां बिक जाती हैं। पटना में इसकी 6 शाखाएं हैं। यहां मिठाई बनाने में प्रयुक्त होने वाली सामग्री जैसे- दूध, मावा, काजू और घी की शुद्धता परखने के बाद ही प्रयोग में लाई जाती है। तैयार मिठाइयों की भी जांच की जाती है।
खास बात यह है कि यहां हर दिन मिठाइयां बनती हैं और बिक जाती हैं। इसके कारण ग्राहकों को हमेशा ताजी और स्वादिष्ट मिठाइयां मिलती हैं। काजू पिस्ता गजक इस दुकान की प्रसिद्ध मिठाई है। इसे बनाने के लिए पहले काजू को भूना जाता है। बिहार ही नहीं, दूसरे राज्यों और विदेशों में भी यहां की मिठाइयां प्रसिद्ध हैं। खासकर दुबई जैसे राज्यों में इसे लोग खरीद कर ले जाते हैं, क्योंकि यह कई दिनों तक खराब नहीं होती हैं। इस दुकान की एक और मिठाई है, जो ‘कराची हलवा’ नाम से प्रसिद्ध है। इसे शुद्ध घी, काजू, अरारोट से बनाया जाता है, जो बहुत स्वादिष्ट होती है।
कोरोना महामारी से पहले यहां 70 से 80 लोग काम करते थे, लेकिन महामारी के कारण बाजार प्रभावित हुआ। अभी यहां 30 से 40 लोग काम कर रहे हैं। इनमें से 10 से 15 कर्मचारी दुकान पर जबकि कुछ कारखाने में जहां मिठाइयां बनती हैं। 10 से 15 लोग मिठाइयों की मार्केटिंग करते हैं। पटना में पिज्जा और बर्गर की शुरुआत भी कोजी स्वीट्स हाउस ने ही की थी। —संजीव कुमार साथ में विपुल सिंह
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