इस ब्रांड के लड्डू बेसन और शुद्ध घी में बने होते हैं। लड्डू की 10 किस्में हैं, जो नरम और स्वादिष्ट होते हैं
पश्चिम बंगाल की मशहूर मिठाई रसगुल्ला है। वर्ष 2017 में पश्चिम बंगाल को रसगुल्ला का जीआई टैग भी मिल चुका है। यहां रसगुल्ला के कई प्रकार हैं। इन्हीं में से एक है स्पंजी रसगुल्ला। आज से 155-56 वर्ष (1866- 68) पहले कोलकाता निवासी नोबिन चंद्र दास की मिठाइयों की एक दुकान थी। वे एक रचनात्मक व्यक्ति थे और अपने ग्राहकों को कुछ अनूठा देना चाहते थे।
1888 में उन्होंने स्पंजी रसगुल्ला की रेसिपी तैयार की थी और बागबाजार में इसे एक दुकान के माध्यम से बेचने लगे। बाद में इनके पुत्र केसी दास ने अपने पिता की रेसिपी पर नवाचार करना शुरू किया। धीरे-धीरे बाजार में इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई। वह छोटी सी दुकान आज व्यापक होकर दुनिया भर में मशहूर हो चुकी है और केसी दास ब्रांड के रूप में जानी जाती है।
केसी दास ब्रांड के मालिकों में वर्तमान पीढ़ी के संजय दास ने बताया कि संपूर्ण भारत के मेट्रो शहरों में केसी दास ब्रांड के नाम से अनेक शाखाएं हैं जहां प्रतिदिन करोड़ों रुपये का रसगुल्ला का व्यवसाय होता है। केसी दास ने 1930 में डिब्बा बंद रसगुल्ला की शुरुआत की। इससे यहां का रसगुल्ला दुनिया भर में फैलने लगा। इस ब्रांड के रसगुल्ले के स्वाद और स्पंज ने इसे घर-घर तक पहुंचा दिया। आज इस डिब्बाबंद रसगुल्ला की शेल्फ लाइफ 3 महीने है।
इनके यहां रसगुल्लों में विविधताएं पाई जाती है। यहां के चॉकलेट रसगुल्ला, संतरे के स्वाद वाले रसगुल्ले इनकी खासियत हैं। केसी ब्रांड 75 से अधिक किस्म की मिठाइयां तैयार करता है जिनमें रसभोग, रसमलाई भी है। इस रसगुल्ले का निर्यात अमेरिका, पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया, दुबई, अफ्रीका सहित आठ देशों में होता है। मुंह में पानी लाने वाले इन डब्बा बंद रसगुल्लों का स्वाद अब तो आनलाइन आर्डर देकर घर बैठे भी मंगाया जा सकता है।
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