अमदाबाद (गुजरात) में सोमवार से शुरू हुए दो दिवसीय साबरमती संवाद का आज दूसरा दिन है। आज भी कई दिग्गज वक्ताओं ने विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम की शुरुआत स्वस्ति वाचन और दीप प्रज्वलन के साथ की गई। नवरंगपुरा में साबरमती के किनारे दिनेश हाल में इस संवाद में राष्ट्रीय स्वर गूंजा।
बता दें कि सोमवार को कार्यक्रम में केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानितकर, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, भाजपा नेता कपिल मिश्रा और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय, रामकथा मर्मज्ञ रमेश भाई ओझा समेत अन्य लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए थे।
साबरमती संवाद का आज दूसरा दिन है। चर्चा में पूर्व राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली ग्लैमर की दुनिया को लेकर बोलीं कि जब स्क्रीन पर आप किसी को देखते हैं, हलांकि वो दूर है,वो एक अलग दौर था, ज्यादा चेनलस नहीं थे, दूरदर्शन में रामायण और महाभारत के लिए लोग अपेक्षा करके बैठे रहते थे। रविवार को रेल रुक जाती थी, जिस स्टेशन पर टीवी है, तो वहीं रुक जाते थे। वो सुनने में कहने में ग्लैमर है। एक्टिंग एक ग्लैमर नहीं है, बाहर ऐसा दिखता है, अंदर मुझे ग्लैमर दिखा नहीं, मुझे हमेशा उसके टेक्नीकल पार्ट्स दिखे। उसके पीछे लिखने, रिसर्च करने की कठिनाई दिखी।
चर्चा में आगे बंगाल में महिलाओं की स्थिति को लेकर रूपा गांगुली ने कहा कि बंगाल में आपने एक शब्द सुना होगा रक्तरंजित, यह खुली आंखों से वहां आपको रक्त दिखेगा नहीं, लेकिन परेशानी, घुटन है, वहां माताएं बहने झेल रहीं हैं ।
चुनाव की राजनीति पर बोलीं रूपा गांगुली कि चुनाव के दौरान आप लोगों को ज्यादा खबर पहुंचती हैं, क्योंकि चुनाव के वक्त पूरे देश से अलग-अलग पत्रकार वहां पहुंचते हैं। और जो पंश्चिम बंगाल में विराजे हुए हैं, उनमें से दो-चार लोगों के पास वो हिम्मत, साहस और एकाग्रता है, जिनकी वजह से एक-दो खबरे बाहर आ जाती हैं। बाकी कहां खबर दिखती है, आपको तो चुनाव के समय जो ज्यादा बढ़ जाता है वो खबर दिखती है। पांच राज्यों के एक साथ चुनाव देखें है, बताइए कौन सा ऐसा राज्य है, जहां रूलिंग पार्टि जो एक्जिंस्टिंग पार्टी थे, वहीं रूलिंग पार्टी जीतने के बाद वो लोग जो बीजेपी को वोट दिए उनको पकड़-पकड़ के मार रहे हैं, कॉमन लोगों को मार रहे हैं, जिन लोगों ने झंडा पकड़ा उनका तो गला ही काट दिया ।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल ऐसी जगह है, जहां मुसलमान हिन्दू को मार रहा है, ऐसा नहीं है। मुसलमान, मुसलमान को भी मार रहा है। ममता ने गुंडों को जेल से निकालकर सिंहासन पर बैठा दिया है। बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की पत्नी से चुन-चुनकर रेप करते हैं। रूपा गांगुली ने सवाल उठाते हुए कहा, कि मोमिनपुर में हिंदुओं को क्यों मारा गया, अबतक ममता ने किसी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया ?, वहां बीजेपी नेता को क्यों नहीं जाने दिया ?
उन्होंने कहा कि 2021 के बाद ये पता चल गया है. कि अगर आप टीएमसी के अलावा किसी और को वोट देते हो, तो आपका जिंदा बच के आना मुश्किल है। साथ ही रूपा गांगुली ने कहा कि पश्चिम बंगाल में रोज एक निर्भया होती है। वहां गर्भवती और दिव्यांग महिला तक को नहीं छोड़ा जाता है।
दूसरे सत्र में आंतरिक सुरक्षा पर चर्चा को लेकर विचारक बिनय कुमार सिंह ने कहा कि इस विषय को आमजन की भाषा बनाया जाए, समय की जिस स्थिति में हम खड़े हैं, भारतीय राजनीति में कई सारे बदलाव आए, अभी जिस समय काल परिस्थित में हम जी रहे हैं, तो ये ऐसा समय का पड़ाव है, जो सास्वत मुद्दे थे भारतीय राजनीति के बिजली, सड़क, पानी स्वास्थ्य और रोजगार इसमें से पहले पांच मुद्दे ये डाइड आउठ हो गए, अब बिजली विषय नहीं है, ये हो गया है 24 घंटे बिजली नहीं रहती 23 घंटे बिजली रहती है। सड़क विषय नहीं है, अब ये विषय है कि एक महीने से सड़क पर गड्ढा है, वो भरा क्यों नहीं जा रहा है, तो एक सिटिजन के नाते हमारे एस्परेशन का जो लीग है, वो बदला है।
चर्चा में आगे बढ़ते हुए, बिनय कुमार सिंह ने कहा कि PFI ग्रेजुएशन की डिग्री है तो ISIS मास्टर्स है। दोनों हैं एक ही चीज। उन्होंने कहा कि PFI के लोग RSS में घुसने की कोशिश कर रहे थे। CPI माओइस्ट के लोग हर छोटी-छोटी जगह पर घुसने की कोशिश कर रहे थे। बिनय कुमार सिंह बोले कि RSS के कार्यकर्ताओं को केरल हाई कोर्ट ने यह कहते हुए छोड़ा की इनके ऊपर हत्या के आरोप झूठे हैं, और इन्हें वामपंथी सरकार द्वारा फंसाने की कोशिश की गई है।
आगे के सत्र में गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने सुरक्षित भारत से श्रेष्ठ भारत पर चर्चा करते हुए, कहा कि पीएफआई के बैन को लेकर बोले कि देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री मोदी जी और गृह मंत्री अमित भाई शाह जी का ये निर्णय देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी भेंट है, यह निर्णय अति आवश्यक था, देश के अलग-अलग जगहों में जाकर भड़काऊ भाषण देकर सिर तन से जुदा करने वाला भाषण देकर उनको बैन करना बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय है, और ये समय की सबसे बड़ी मांग भी थी।
समय के अनुसार आज के कुछ रूप बदल चुके हैं। देश के समाजों को तोड़ने की रिति नीति बदलती रहती है। कुछ सालों पहले इसी प्रकार से नर्मदा बांध को लेकर मेघा पाटकर के द्वारा गुजरात के लोगों को उकसाने की कोशिश की गई। उसके माध्यम से इसी प्रकार से इंटर्नल सिक्योरिटी को किस प्रकार से ठेस पहुंचे ये कोशिश की जा रही थी
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