ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी का मामला सुर्खियों में आते ही जिला जज के न्यायालय में पक्षकार बनने के लिए तमाम याचिकाएं दाखिल की गई थीं। सभी 17 याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है। न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना वादी के सहमति के किसी को पक्षकार नहीं बनाया जा सकता है। अब ज्ञानवापी में कमीशन की सर्वे की मांग पर 21 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि आज की सुनवाई पक्षकार बनने को लेकर हुई। अलग-अलग 17 लोगों ने पक्षकार बनने को लेकर प्रार्थना पत्र दिया था। सभी को जिला जज द्वारा खारिज कर दिया गया है। जिन लोगों ने आज पक्षकार बनने को लेकर नई याचिका दी है, उस पर 21 अक्टूबर को सुनवाई होगी। हम लोगों द्वारा पहले से दी गयी याचिका जिसमें ज्ञानवापी में मलबा हटाकर सर्वे की मांग की गई है। 21 अक्टूबर को इसको लेकर महत्वपूर्ण सुनवाई भी होनी है। विपक्षी की ओर से इस मामले पर कोई भी आपत्ति अभी तक नहीं आई है। 21 अक्टूबर तक मुस्लिम पक्ष इस मुद्दे पर अपना जवाब दाखिल करेगा।
उल्लेखनीय है कि कोतवालपुरा के चन्द्रशेखर पांडेय, काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी, हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता, लोहता के बुनकर मुख्तार अहमद अंसारी, क्षेत्रीय ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा, लहंगपुरा के विजय शंकर रस्तोगी, गाज़ियाबाद के निखिल उपाध्याय एवं सुंदरपुर के संतोष कुमार सिंह ने उक्त मुकदमे में पक्षकार बनने के किए प्रार्थना पत्र दिया था।
बीते दिनों ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में हिन्दू पक्ष द्वारा ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की जांच करने की मांग पर वाराणसी जिला न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया था। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी।
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