उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन में मंगलवार शाम श्री महाकाल लोक राष्ट्र को समर्पित किया। इस परियोजना का उद्देश्य पूरे क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करना और विरासत संरचनाओं के संरक्षण पर विशेष बल देना है। यह भारत का सबसे बड़ा सांस्कृतिक कॉरिडोर है। इसकी लंबाई करीब 900 मीटर है। यहां की दीवारों पर क्यूआर कोड भी हैं, जिनके जरिए शिवकथा सुनी जा सकती है। पूरी परियोजना की कुल लागत लगभग 850 करोड़ रुपये है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर भगवान महाकाल की पूजा की। उन्होंने मंदिर में बैठकर माला फेरी और गर्भगृह के बाहर नंदी के पास बैठकर भी ध्यान लगाया।
मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री वायुसेना के हेलीकाप्टर से उज्जैन पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी अगवानी की। इस मौके पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनकी अगवानी की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। गर्भगृह में शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने पूरे विधि विधान से पूजन संपन्न कराया। प्रधानमंत्री मोदी ने महाकाल का पूजन कर लोक कल्याण की कामना की।
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