अभी तक बरेली को काजल नगरी, जरी नगरी के नाम से जाना जाता था, अब इसे रामायण नगरी के नाम से पहचान दिलाए जाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। यूपी की योगी सरकार ने राम गंगा नगर में प्रभु श्रीराम के जीवन गाथा पर आधारित रामायण वाटिका के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है।
रामायण वाटिका, बरेली में पर्यटन की पहचान बनने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली विकास प्राधिकरण के 22.80 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। 33000 वर्गफिट में बनने वाले इस प्रोजेक्ट से पर्यावरण को संरक्षित करते हुए रामायण के प्रमुख किरदारों की गाथा लिखी जाएगी। चित्रकूट, पंचवटी, शबरी आश्रम, अयोध्या, वनवास, श्रीलंका विजय से लेकर हर जानकारी यहां दर्शकों को झांकियों के रूप में मिलेगी। यहां ओपन एयर थियेटर भी होगा, जिसमें हर शाम रामायण मंचन भी किया जाएगा।
बरेली में अभी तक कोई ऐसा स्थान नहीं है, जहां लोग परिवार सहित जाकर अपना वक्त गुजार सकें। बरेली विकास प्राधिकरण ने अपनी खाली पड़ी जमीन पर स्थानीय समाजिक और सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े लोगों से राय मशविरा करके इस योजना को अंतिम रूप दिया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके प्रस्तुतिकरण को देखने के तुरंत बाद ही अपनी स्वीकृति दे दी।
इस रामायण वाटिका का काम जुलाई 2023 तक पूरा कर लिया जाना है। इसी प्रोजेक्ट के तहत बरेली आने वाले चार मार्गों की दिशाओं पर चार स्वागत राम द्वार भी बनाए जा रहे हैं। अपने आप में ये रामायण वाटिका उत्तर प्रदेश की पहली वाटिका होगी और नवरात्रि के दिनों में इसमें डिजिटल फॉर्मेट पर रामलीला प्रदर्शित किए जाने की भी तैयारी की जा रही है ताकि यहां आने वाले बच्चों में भी प्रभु श्रीराम के बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जा सके।
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