हरिद्वार। देहरादून से चली लाहौरी एक्सप्रेस को रेलवे ट्रैक पर पलटाने की क्या साजिश रची गई थी ? इस बारे में सुरक्षा जांच एजेंसियां जांच पड़ताल में लग गई हैं। उल्लेखनीय है कि कल शाम देहरादून-हरिद्वार के बीच रेलवे ट्रैक पर एक बड़ा पाइप फंसा हुआ मिला। इसका एक सिरा पेड़ से बांध दिया गया था।
ट्रेन चालक लोको पायलट की सूझबूझ से लाहौरी एक्सप्रेस, डोईवाला के 21 और 27 पिलर के बीच इमरजेंसी ब्रेक से रोकी गई। इसके बावजूद ट्रेन काफी दूर तक चली गई। ट्रेन की स्पीड कम होने की वजह से एक बड़ा हादसा टल गया।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रेलवे ट्रैक पर एक मोटा पाइप फंसा कर रखा गया था और इसका एक हिस्सा ट्रैक के पास पेड़ से रस्सी से बांधा गया था। ऐसा भी नहीं कि किसी ने मार्ग बाधा के लिए इसे बांधा हो।
जब ट्रेन यहां से गुजरने वाली थी कि ट्रेन पायलट की निगाह इस पर पड़ गई और उन्होंने आपातकालीन ब्रेक लगा कर इसे रोका तब भी इंजन के पहिए पाइप पर जा चढ़े। रेलवे अधिकारी राकेश चंद ने इस बारे अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
खास बात ये कि लाहौरी एक्सप्रेस से आधा घंटा पहले दिल्ली देहरादून जन शताब्दी भी यहां से गुजरी थी तब तक यहां कोई पाइप संज्ञान में नहीं आया था। लाहौरी एक्सप्रेस को करीब चालीस मिनट तक रोक कर पाइप को निकाल कर एक किनारे रखा गया और इसी दौरान रेलवे और रेलवे पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पाइप क्यों बांधा गया? इसके पीछे क्या मंशा थी? ये बड़ा सवाल है। रेलवे पुलिस के अलावा उत्तराखंड की अन्य जांच एजेंसियां भी इस बारे में छानबीन कर रही हैं। प्रथमदृष्टि में ये घटना किसी बड़ी साजिश का संकेत देती है। इसलिए खुफिया विभाग ये देख रहा है कि इसके पीछे कोई आतंकी षड्यंत्र तो नहीं था ? उल्लेखनीय है कि कल दशहरे का दिन था और पर्व को देखते हुए देश भर में सुरक्षा एजेंसियां भी चौकस थीं।
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